उम्र के साथ दृष्टि मज़ोर पड़ना सामान्य बात है। अक्सर इसका कारण यह होता है कि आंख के परदे यानी रेटिना के केंद्रीय भाग के आसपास की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं। इसे उम्र से सम्बंधित मैक्यूलर डीजनरेशन (ए.एम.डी.) कहते हैं।
अब ए.एम.डी. से पीड़ित एक अस्सी-वर्षीय पुरुष और एक साठ-वर्षीय महिला का उपचार स्टेम कोशिकाओं की मदद से किया गया है। ये दोनों व्यक्ति उपचार से पहले बिलकुल भी नहीं पढ़ पाते थे किंतु उपचार के बाद वे सामान्य चश्मे की मदद से 60-80 शब्द प्रति मिनट पढ़ पा रहे हैं।
रेटिना में कुछ कोशिकाएं (रेटिनल पिगमेंट एपिथीलियम यानी आर.पी.ई.) होती हैं जो उन कोशिकाओं को सहारा और पोषण उपलब्ध कराती हैं जो प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती हैं। ए.एम.डी. में किसी वजह से ये आर.पी.ई. क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और रेटिना की प्रकाश संवेदी कोशिकाओं को पोषण नहीं मिल पाता और वे मरने लगती हैं। इस वजह से दृष्टि जाती रहती है।
यूएस की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के मूरफील्ड आई हॉस्पिटल के लायडन डॉ. क्रूज़ ने एक प्लास्टिक ढांचे पर भ्रूणीय आर.पी.ई. स्टेम कोशिकाओं को पनपने दिया। इस तरह से बने ऊतक को उपरोक्त दो व्यक्तियों की आंखों में प्रत्यारोपित किया गया। ऐसा करने पर रेटिना की प्रकाश संवेदी कोशिकाओं को पोषण मिलने लगा और वे जी उठीं।
इस प्रकार का एक प्रयोग पिछले वर्ष एक अन्य किस्म की स्टेम कोशिकाओं के साथ भी किया गया था और वह भी काफी हद तक सफल रहा था। उन स्टेम कोशिकाओं को प्रेरित स्टेम कोशिकाएं कहते हैं। इनके निर्माण के लिए सामान्य कोशिकाओं को स्टेम कोशिकाओं में परिवर्तित होने को उकसाया जाता है। इस तरह की प्रेरित स्टेम कोशिकाओं के प्रत्यारोपण से दृष्टि बहाल करने में तो मदद नहीं मिली थी किंतु आगे और विघटन रुक गया था।
वैसे देखा जाए तो भ्रूणीय स्टेम कोशिकाओं की बजाय प्रेरित स्टेम कोशिकाओं का उपयोग बेहतर है क्योंकि भ्रूणीय स्टेम कोशिकाएं प्राप्त करने के लिए मानव भ्रूण को नष्ट करना पड़ता है। मगर इसका एक पक्ष यह भी है कि सामान्य कोशिकाओं को स्टेम कोशिकाओं में परिवर्तित करने की क्रिया में खतरा यह रहता है कि उनमें कैंसर जनक उत्परिवर्तन हो जाएंगे।
नेचर बायोटेक्नॉलॉजी में प्रकाशित इस शोध पत्र से उम्मीद जगी है कि स्टेम कोशिका की मदद से ऐसा उपचार जल्द ही चिकित्सकीय दृष्टि से उपलब्ध हो पाएगा। मगर उससे पहले इन दोनों तकनीकों के साथ ज़्यादा प्रयोग व परीक्षण करने की ज़रूरत होगी। (स्रोत फीचर्स)