उंगलियां चटकाना कई लोगों का शगल होता है। वे तरह-तरह से उंगलियों को चटका सकते हैं - उंगलियों के जोड़ों को मोड़कर, उंगलियों को खींचकर वगैरह। जब इस तरह से उंगलियों को तोड़ा-मरोड़ा जाता है तो चट-चट की आवाज़ निकलती है। इस बात को लेकर वैज्ञानिक असमंजस में रहे हैं कि इस आवाज़ का स्रोत क्या है। साइंटिफिक रिपोट्र्स नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित शोध पत्र को देखकर लगता है कि पहेली को सुलझा लिया गया है।
उंगलियां चटकाने की आवाज़ के स्रोत को समझने में दिक्कत यह रही है कि पूरी क्रिया बहुत तेज़ी से घट जाती है। इस मामले में एक मत यह रहा है कि जब उंगलियों को मोड़ा या खींचा जाता है तो हड्डियों के बीच की तरल भरी जगह में बुलबुले बन जाते हैं। 2015 में किए गए एक अध्ययन का निष्कर्ष था कि इन बुलबुलों के बनने की वजह से ही आवाज़ उत्पन्न होती है। दूसरी ओर, कुछ वैज्ञानिकों का मत रहा है कि आवाज़ इन बुलबुलों के फूटने की वजह से आती है।
तो कुछ शोधकर्ताओं ने बात को समझने के लिए गणित का उपयोग किया। उन्होंने उंगलियों के जोड़ों की तरल भरी जगह का विवरण देने के लिए कुछ गणितीय समीकरणें तैयार कीं। इन समीकरणों के आधार पर गणनाएं की गर्इं तो पता चला कि वास्तव में चटकने की आवाज़ बुलबुलों के बनने से नहीं बल्कि फूटने से पैदा होती है। जब उन्होंने ‘गणितीय’ बुलबुलों पर गौर किया तो पता चला कि उनके फूटने से जो ध्वनि तरंगें निर्मित होती हैं वे वास्तव में उंगलियां चटकाने पर पैदा हुई तरंगों से मेल खाती हैं।
यह तो गणितीय हल है, इसे वास्तव में लागू करके देखने पर ही कोई समाधान निकल सकता है। तब तक के लिए इतना ही कहा जा सकता है कि उंगलियां चटकने में बुलबुलों के बनने या फूटने की भूमिका है। (स्रोत फीचर्स)