एक दुर्लभ घटना रिपोर्ट की गई है जिसमें एक नवजात चिम्पैंज़ी को उसी समूह का एक नर चिम्पैंज़ी खा गया। इस घटना के बारे में ज़्यादा कुछ कह पाना संभव नहीं है क्योंकि यह विचित्र घटना केवल 5 अवलोकनों पर आधारित है। क्योटो विश्वविद्यालय, जापान के हितोनारू निशी ने अपने सहयोगियों के साथ इस अवलोकन के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि शायद इसी कारण से मादा चिम्पैंज़ी बच्चे पैदा होने के पहले ही समूह छोड़ कर चली जाती है और कुछ सप्ताह या महीने बाद वापस आती है। इस अनुपस्थिति को निशी ने ‘मातृत्व अवकाश’ का नाम दिया है।
निशी और उनके सहयोगी पिछले कुछ वर्षों से तंज़ानिया के महाले पर्वतों पर चिम्पैंज़ियों का अध्ययन कर रहे हैं। चिम्पैंज़ियों के एक समूह का अवलोकन करते हुए वे तब आश्चर्यचकित रह गए जब उन्होंने समूह में मादा चिम्पैंज़ी को शिशु जन्म देते हुए देखा। मादा अपने बच्चे को संभाल पाती, इससे पूर्व ही उसी समूह का एक नर चिम्पैंज़ी बच्चे को छीनकर ले गया और 1 घंटे के अंदर पूरी तरह खा गया।
विशेषज्ञ ह्यूम के अनुसार वह मादा शायद पहली बार गर्भवती थी जिसके कारण उसके नवजात का यह अंजाम हुआ। हो सकता है कि जब वह दूसरी बार गर्भवती हो तो वह कुछ समय के लिए समूह से अलग हो जाए।
कई प्रजातियों में नर जीव अक्सर उन शिशुओं को मार देते हैं जो उनके समूह के नहीं होते। यहां तक कि जब भोजन जैसे संसाधनों में कमी होती है तो कई मादा चिम्पैंज़ी भी यही करती देखी गई हैं। वे अन्य मादाओं के नवजात को खाने के लिए तैयार रहती हैं।
ह्यूम कहते हैं कि किसी भी दर पर शिशुओं में इस तरह का स्वजाति-भक्षण अत्यंत दुर्लभ है। इस तरह की हिंसा बड़े समूहों में होने की अधिक संभावना हो सकती है, जहां संसाधनों के लिए अधिक प्रतिस्पर्धा हो। (स्रोत फीचर्स)