फिगर स्केटिंग में नाथन चेन अपनी अंतहीन चार-फिरकी कूद से भीड़ को रोमांचित करते हैं लेकिन ओलंपिक मैडल का यह उम्मीदवार, टांगरहित गाल मिज लार्वा (एस्फोंडिलिया प्रजाति) के सामने कुछ भी नहीं है। जब यह 3 मिलीमीटर लंबा लार्वा फुदककर प्रयोगशाला की तश्तरी से बाहर निकल भागा तो वैज्ञानिकों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं। यह लार्वा अपने शरीर के पिछले भाग को ज़मीन पर चिपका देता है, अपने सिर को पीछे की ओर सरकाता है, और शरीर को एक छल्ले का आकार दे देता है। फिर यह अपने शरीर में तरल पदार्थों का स्थानांतरण करके शरीर को चपटा कर लेता है। पर्याप्त दबाव बनाने के बाद, लार्वा ज़मीन से अपने जुड़ाव को समाप्त करके सीधा होता है, और 1 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से कूदता है और इस तरह अपने शरीर की लंबाई से 30 गुना लंबी छलांग लगाता है। मनुष्य यदि इसी अनुपात में छलांग लगाए तो यह छलांग 60 मीटर की होगी। तुलना के लिए देख सकते हैं कि लंबी कूद का वर्तमान विश्व रिकॉर्ड 9 मीटर का है।
ड्यूक विश्वविद्यालय के जी.एम. फारले और उनके साथियों ने इस करतब की खोज अत्यधिक स्पीड वाले वीडियो कैमरे की मदद से की है। यह वीडियो कैमरा प्रति सेकंड 20 हज़ार फ्रेम रिकॉर्ड कर सकता है। शोधकर्ताओं ने सोसायटी फॉर इंटिग्रेटिव एंड कम्पेरेटिव बायोलॉजी की वार्षिक बैठक में बताया कि इस लार्वा की सफलता का रहस्य शक्ति प्रवर्धन है जिसमें बल को संग्रहित करके एक बार में उसे मुक्त किया जाता है। यह एक धनुष-बाण की तरह है, जिसमें लचीली डोरी में अस्थायी रूप से ऊर्जा को संचयित करते हुए तीर को छोड़ा जाता है।
अभी यह समझ में नहीं आया है कि यह मिज लार्वा कूदता क्यों है क्योंकि यह अपना पूरा जीवन तो सिल्वर रॉड नामक पौधे के अंदर गठान बनाकर बिताता है, जहां से यह कभी बाहर नहीं निकलता। आम तौर पर कीट अपनी टांगों और उनसे जुड़ी स्प्रिंगनुमा रचनाओं की मदद से छलांग लगाते हैं मगर यह लार्वा अपने पूरे शरीर का उपयोग करके छलांग लगाता है। (स्रोत फीचर्स)