एक नए अध्ययन के अनुसार विश्व के सबसे बड़े उभयचर - चीनी विशाल सेलेमैंडर (Andrias davidianus), को वास्तव में पांच प्रजातियों में बांटा जाना चाहिए। यानी यह एक प्रजाति नहीं है बल्कि पांच प्रजातियां हैं। और पांचों प्रजातियां खतरे में हैं। और तो और, अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि संरक्षण के वर्तमान तौर-तरीके इन अलग-अलग प्रजातियों को एक-दूसरे के साथ प्रजनन करवाकर उन्हें प्रभावी रूप से एक ही प्रजाति में परिवर्तित कर रहे हैं।
एक समय में दक्षिण-पूर्वी चीन की नदियों में बहुतायत से पाए जाने वाले ये सेलेमैंडर 2 मीटर तक लंबे होते हैं। लेकिन आज लक्ज़री व्यंजन के लिए बढ़ती मांग के चलते इन्हें अधिकाधिक संख्या में व्यावसायिक फार्मों में पाला जा रहा है। प्राकृतिक आबादी को बढ़ाने के लिए चीनी सरकार ने फार्म में पले इन सेलेमैंडर को नदियों में छोड़ने के लिए प्रोत्साहन दे रही है। लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या अब यह जीव आनुवंशिक रूप से कुदरती सेलेमैंडर के समान है।
इस प्रश्न के जवाब की तलाश में, वैज्ञानिकों ने 70 कुदरती और 1034 फार्म सेलेमैंडर के डीएनए का विश्लेषण किया। इस विश्लेषण के आधार पर टीम ने पाया कि जंगली सेलेमैंडर को कम से कम पांच प्रजातियों में बांटा जा सकता है। ये पांच प्रजातियां एक दूसरे से लगभग 50 लाख से 1 करोड़ वर्ष पूर्व अलग-अलग हो गई होंगी। करंट बायोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार फार्म में पाले जाने वाले सेलेमैंडर में व्यापक जेनेटिक घालमेल पाया गया। इससे यह मालूम चलता है कि फ़ार्म में पले जीवों को नदियों में छोड़ने से आनुवंशिक खिचड़ी पैदा होने की आशंका है। ऐसा हुआ तो स्थानीय सेलेमैंडर अन्य सेलेमैंडर्स, जिनमें अन्य प्रजातियों का जेनेटिक पदार्थ होगा, के साथ संकरण के चलते विलुप्त हो सकती हैं।
इसका एक अर्थ यह भी है कि यदि जंगली आबादी विलुप्त हो जाती है, तो दुनिया से विशाल सेलेमैंडर की एक नहीं बल्कि सभी पांच प्रजातियां नदारद हो जाएंगी। जो सेलेमैंडर्स फार्म में बचेंगे वे तो इन पांच प्रजातियों की मिली-जुली खिचड़ी होंगे। (स्रोत फीचर्स)