जानवरों में प्रजनन सम्बंधी क्रियाकलाप काफी शोर-शराबे भरा हो सकता है। पर गल्फ कोरविना (सायनोसिऑन ओथोनोप्टेरस) का प्रजनन के समय का शोर तो कर्णभेदी होता है। करीब डेढ़ मीटर लंबी ये ग्रे फिश कैलिफोर्निया की खाड़ी में पाई जाती हैं।
ये हर साल वसंत (मार्च से जून) में प्रजनन के लिए कोलेरेडो नदी के डेल्टा की ओर प्रवास करती हैं। प्रवास के दौरान इनके समूह का फैलाव लगभग दस किलोमीटर तक का हो सकता है। गल्फ कोरविना अपने अंडे देने के समय को समुद्र के ज्वार-भाटे और चंद्रमा की कलाओं के साथ समायोजित करती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि अमावस्या या पूर्णिमा से कुछ दिन पहले नर गल्फ कोरविना, टिड्डे या मेंढकों की तरह, मादा को आकर्षित करने और आमंत्रित करने के लिए गाना शुरू कर देते हैं।
टेक्सॉस विश्वविद्यालय के मत्स्य वैज्ञानिक ब्रौड एरिसमैन और टिमोथी रॉवेल ने 2014 में वसंत के समय 4 दिनों तक इन मछलियों का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने पानी के अंदर सोनार और माइक्रोफोन की मदद से मछलियों की आवाज़ को रिकार्ड किया। इन ध्वनि यंत्रों ने मछलियों द्वारा सामूहिक रूप से उत्पन्न की गई आवाज़ की तीव्रता नापी तो वह 150 डेसीबल से भी अधिक पाई गई। यह मछलियों द्वारा उत्पन्न की गई अब तक की सबसे तेज़ ध्वनि रिकार्ड की गई है। और तो और, शोधकर्ताओं का कहना है कि पानी के अंदर रिकार्ड की गई यह सबसे तीव्र ध्वनि है। शोधकर्ताओं ने इसे बॉयोलॉजी लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित किया है। इतनी तीव्र ध्वनि सील, व्हेल और डॉल्फिन जैसे अन्य जलचर जीवों के कानों के लिए हानिकारक हो सकती है। गनीमत है, यह शोर साल में सिर्फ एक बार ही होता है। (स्रोत फीचर्स)