ए. दास
बस पानी, नमक, सीरिंज, गिलास जैसी मामूली चीज़ों को जुटाकर एक मजेदार खेल की शुरुआत की जा सकती है और साथ में एक सिर खुजलाने वाला सवाल भी ....
एक गिलास सादा पानी लेकर अगर उसमें थोड़ा-सा नमकीन पानी मिला दें तो क्या होगा? रोज़मर्रा का हमारा अनुभव यह बताता है कि नमकीन पानी सादे पानी में तुरंत घुल जाएगा। लेकिन इसी खेल को मैं थोड़े अलग तरीके से पेश कर रहा हूं। इसके लिए हमें कुछेक चीज़ों की जरूरत होगी।
सामग्री
एक प्लास्टिक की पारदर्शी (5 मिलीलीटर वाली) इंजेक्शन सीरिंज। इसकी सुई करीब 1 मिलीलीटर मोटी हो। दवाई की दुकान पर डिस्पोजेबल सीरिज के नाम से यह आसानी से उपलब्ध है। दो गिलास, एक पुराना पोस्टकार्ड या लगभग इतना ही बड़ा मोटा कागज, पानी, एक ड्रॉपर, और थोड़ा-सा नमक।
खेल की तैयारी
सबसे पहले एक गिलास में। तकरीबन ऊपर तक साफ पानी भर कर रख लें। इसके अलावा पोस्टकार्ड या मोटे कागज़ के टुकड़े पर बीच में एक छेद बना लीजिए। छेद इतना चौड़ा हो कि सीरिज इसमें अटकाई (फंसाई) जा सके।
अब एक दूसरे गिलास में एक चौथाई पानी लेकर दो चम्मच नमक डालिए और नमकीन घोल तैयार कीजिए। जब नमक पानी में घुल जाए तो जिस तरह इंजेक्शन भरते हैं उसी तरह सीरिज में नमकीन पानी भर लीजिए।
अब सीरिंज को पोस्टकार्ड के छेद में अटकाकर सादे पानी से भरे गिलास में उल्टा लटका दीजिए। अभी सीरिंज में से पिस्टन को नहीं निकालना है। अगला कदम है। गिलास में पानी का तल और सीरिज के नमकीन पानी का तल लगभग एक बराबर करना। ऐसा करने के लिए गिलास में ड्रॉपर की मदद से थोड़ा पानी डालना होगा। या फिर पानी निकालने की ज़रूरत होगी।
साथ ही यह भी ख्याल रखें कि सीरिज की सुई की नोक और गिलास की तली के बीच में डेढ़ से दो इंच का फासला बना रहे, ताकि सीरिज से गिरने वाली धार को आप आसानी से देख पाएं। जब सब व्यवस्थाएं हो जाएं तो सीरिज के पिस्टन को धीरे से (झटके से नहीं) निकाल दीजिए।
जो दिखने वाला है।
अब निगाह जमाइए गिलास में सुई की नोक के पास। क्या दिख रहा है?
नमकीन पानी से भरी सीरिज को पोस्टकार्ड की सहायता मे सादे पानी से भरे गिलास में उल्टा लटका लीजिए। दो बातों का ध्यान रखना है। एक तो सीरिज में पानी का तल और गिलास के पानी का तल लगभग एक बराबर होना चाहिए। साथ ही सीरिज की सुई और गिलास के पेंदे के बीच डेढ़ से दो इंच का फासला रहे। उसके बाद बस आपको इतना करना है कि धीरे से खींचकर पिस्टन को निकाल दीजिए और लीजिए धार का मज़ा।
क्या एक महीन धार सुई से निकलकर गिलास के पानी में नीचे की ओर बहती हुई दिख रही है? अपनी निगाह को जमाए रखिए। करीब आधा मिनट चलने के बाद यह धार रुक जाएगी। जैसे ही धार रुके तो आप अपनी निगाह दौड़ाकर सीरिज के भीतर देखने लगिए। क्योंकि अब सीरिज के अंदर गिलास के साफ पानी की धार दिखेगी जो ऊपर की दिशा में बहती होगी। फिर यह धार भी बंद हो जाएगी और सीरिज से गिलास में गिरने वाली धार शुरू हो जाएगी और फिर दूसरी...। लगभग आधे घंटे तक यह क्रम चलता ही रहेगा। अगर और मज़ा लेना हो तो नमक का घोल बनाते समय पानी में किसी भी रंग की स्याही की एक बूंद डाल दीजिए, और उठाइए रंगीन धार का लुत्फ।
इस प्रयोग को करते हुए मैंने एक बात और देखी कि नमक का घोल जितना अधिक सांद्र लिया
बतौर सूचक भी
परगोलेक्स या वेक्युलेक्स की गोलियां दवाई की दुकान पर मिल जाती हैं। ये दरअसल फिनोफ्थेलीन की गोलियां ही हैं। अगर कभी आपके पास प्रयोगशाला में फिनोफ्थेलीन खत्म हो जाए तो इन्हें पानी में घोलकर सूचक ( इंडिकेटर ) के रूप में इस्तेमाल कर सकते हो।
जाए धार बहने का क्रम उतनी ही अधिक देर तक चलता रहता है।
कुछ और खेल
इस दूसरे खेल में सीरिज में नमक की बजाए कास्टिक सोडे का सांद्र घोल लीजिए। और गिलास में सादे पानी की बजाए परगोलेक्स की गोली घुला हल्का घोल लीजिए।
अपने उपकरण को पुनः उसी तरह जमाइए और चलने दीजिए धार को - रंगीन नज़ारे आपका दिल खुश कर देंगे।
वैसे तो यह प्रक्रिया किन्हीं भी दो तरल पदार्थ को लेकर की जा सकती है, लेकिन जरूरी है कि उनका आपेक्षित घनत्व अलग-अलग हो। साथ ही दोनों पदार्थ एक-दूसरे में घुलनशील भी होने चाहिए।
एक और ज़रूरी शर्त है कि अधिक आपेक्षित घनत्व वाले तरल को हमेशा सीरिज में भरकर रखें।
लेकिन क्या बात सिर्फ धार चलाने के साथ ही खत्म हो गई। नहीं, बल्कि मुझे यह सवाल बड़ा। परेशान कर रहा है कि आखिर यह धार चले क्यों रही है? और किस तरह चल रही है? क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं कुछ इस सिलसिले में। अपने खतों को संदर्भ के पते पर भेजिए? मैं उनका इंतज़ार करूंगा।
अम्लान दासः एकलव्य के होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम से संबद्ध। चित्र - राजेश यादव।