कॉफी कई लोगों को सुबह की नींद से जगाने का एक लोकप्रिय पेय है। लेकिन कई लोग मानते हैं कि जगाने के साथ-साथ यह भूख को भी शांत कर देती है। हाल ही में, सोशल मीडिया चलन के कारण वज़न घटाने में कॉफी का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस चलन को ‘कॉफी लूपहोल’ का नाम दिया गया है जिसमें कॉफी में मसाले या पूरक मिलाने या फिर भूख लगने पर इसे तुरंत पीने से वज़न घटाने में मदद मिल सकती है। लेकिन यह कितना सच है?
फिलहाल इस विषय पर कोई सीधे हां या ना में उत्तर मौजूद नहीं है, और शोधकर्ता अभी भी यह पता लगा ही रहे हैं कि कॉफी, विशेष रूप से इसमें मौजूद कैफीन, वज़न को कैसे प्रभावित करता है। कुछ लोगों का मानना है कि कॉफी पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कैफीन बड़ी आंत की मांसपेशियों के संकुचन को तेज़ कर सकता है, जिससे मल त्याग आसानी से हो जाता है। इसके अलावा यह मूत्रवर्धक के रूप में भी काम करता है, जिससे मूत्र उत्पादन बढ़ता है, और शरीर के पानी का वज़न अस्थायी तौर पर कम हो सकता है। लेकिन ये प्रभाव अल्पकालिक होते हैं और स्थायी वज़न घटाने की ओर नहीं ले जाते हैं।
बहरहाल, वज़न घटाने में कॉफी के स्थायी प्रभाव का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि किसी भी संभावित लाभ के लिए सिर्फ एक कप कॉफी से काम नहीं चलेगा। (स्रोत फीचर्स)
-
Srote - November 2024
- लौह फोर्टिफाइड चावल से चेतावनी हटाने के निर्णय को चुनौती
- डेढ़ सौ से ज़्यादा औषधि मिश्रणों पर प्रतिबंध
- तैयारशुदा दवा मिश्रणों (एफडीसी) पर प्रतिबंध क्यों?
- एड्स की रोकथाम में एक लंबी छलांग
- एड्स से लड़ाई में एक और मील का पत्थर
- क्या कॉफी वज़न कम करने में मददगार है?
- लहसुन का रासायनिक खज़ाना
- चमगादड़ों की कमी से शिशुओं की बढ़ती मृत्यु दर
- ईल कैसे शिकारी के पेट से भाग निकलती है
- परजीवी कृमियों की क्रूर करतूतें
- जानवरों द्वारा स्वयं उपचार के तरीके: ज़ुओफार्मेकोग्नॉसी
- डायनासौर का सफाया करने वाला पिंड कहां से आया?
- नर जुगनुओं को धोखे से फांसती छलिया मकड़ी
- सायबर अपराधों पर राष्ट्र संघ की संधि
- नासा उवाच - मंगल पर जीवन के चिंह मिले हैं
- दुनिया की आधी आबादी को स्वच्छ पेयजल मयस्सर नहीं
- धरती की जीवनदायिनी क्षमता की रक्षा प्राथमिकता बने
- भस्म हो रहे उपग्रह प्रदूषण पैदा कर रहे हैं
- अंतरिक्ष में विकलांगता को पछाड़ने का अवसर
- अभिव्यक्ति में कविताएं गद्य से बेहतर हैं
- वनों की बहाली केवल वृक्षारोपण से संभव नहीं
- दक्षिण भारत में भी है फूलों की घाटी