दिन भर कठोर परिश्रम करने के बाद आप चैन की नींद लेने के लिए बिस्तर पर लेटकर नींद में गोते लगाने ही वाले थे कि कानों में मच्छरों की भिनभिनाहट ने आपको बैचेन कर दिया। क्या मच्छर आपके कान में भिनभिनाहट करके यह देखना चाहते थे कि आप सो गए हैं या नहीं? मच्छरों की भिनभिनाहट एक प्रकार का गाना है जिससे वे विपरीत सेक्स के सदस्य की पहचान करते हैं। मच्छरों की भिनभिनाहट भले ही हमारी नींद उड़ा देती है किंतु मच्छरों के लिए यह रोमांस का आमंत्रण गीत है।
तीन जोड़ी पैर वाले सभी सदस्यों को कीट परिवार (इनसेक्टा) में रखा गया है। इस परिवार के बहुत से सदस्य अपने प्रेम का प्रस्ताव आवाज़ उत्पन्न करके करते हैं। जब पूरा शहर या गांव सो जाता है तो शांत वातावरण में या बगीचों में इनकी आवाज़ आप बहुत अच्छी तरह से सुन सकते हैं।
जैसे हमारे कान में पर्दा, ऑसिकल एवं कॉकलिया होते हैं, जो सुनने में मदद करते हैं, वैसे ही कीटों के पास भी सुनने के अंग होते हैं जो हमसे भिन्न हैं परंतु हैं बेजोड़।
मच्छरों की भिनभिनाहट पंखों के फड़फड़ाने के कारण पैदा होती है। मच्छरों को अपनी छोटी-सी ज़िंदगी में केवल दो ही कार्य संपन्न करने होते हैं। एक तो भोजन ढूंढना और दूसरा प्रजनन के लिए साथी खोजना। अगर दृष्टि अच्छी नहीं है तो भोजन के लिए शिकार एवं प्रजनन के लिए मनपसंद साथी खोजना मुश्किल कार्य हो जाता है।
वैज्ञानिकों को लगता है कि उद्विकास में मादा मच्छरों ने अपने शिकार का खून पीना जब प्रारंभ किया तो वे गंध पर ज़्यादा आश्रित हो गए। ऐसा शिकार जिसके शरीर से तेज़ गंध आती थी या जो ज़्यादा कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते थे वे प्राणी मच्छरों को ज़्यादा आकर्षित करते थे। गंध पर ज़्यादा निर्भरता के कारण कालांतर में मच्छरों की आंखे ज़्यादा बेहतर विकसित नहीं हुई। और इसलिए विपरीत सेक्स को खोजने के लिए पंखों की भिनभिनाहट का उपयोग होने लगा। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि छोटे-से मच्छर में श्रवण अंगों में 15,000 श्रवण कोशिकाएं होती है जबकि उससे कहीं बड़े आकार के मनुष्यों में मात्र 17,500। इतने छोटे-से मच्छर में इतनी सारी श्रवण कोशिकाएं अपने साथी को ढूंढने का कार्य अपेक्षाकृत आसान कर देती हैं।
शाम होते ही आसमान में नर मच्छरों के झुंड एकत्रित हो जाते हैं। मादा के इंतज़ार में एकत्रित नर हवा में गोते लगाते रहते हैं। एक नर मच्छर के पंख फड़फड़ाने से उच्च आवृत्ति की भिनभिनाहट उत्पन्न होती है क्योंकि मादा मच्छर की तुलना में नरों का आकार छोटा होता है और छोटे पंख तेजी से फड़फड़ाते हैं। मच्छर के एंटीना मनुष्य के कान के समान सुनने का कार्य करते हैं। मादा मच्छरों की भिनभिनाहट को ग्रहण करने के लिए नर के एंटीना बड़े और बहुत झबरीले होते हैं।
नर की तुलना में मादा मच्छरों का आकार बड़ा होता है तो उनके पंख भी बड़े होते हैं और उनके धीमे-धीमे फड़फड़ाने से कम आवृत्ति की आवाज उत्पन्न होती है। मादा मच्छर में एंटीना छोटा तथा बेहद कम बालों से ढंका होता है, इसलिए मादाओं की सुनने की शक्ति कम होती है।
यद्यपि हम मच्छरों की भिनभिनाहट को सुनकर मच्छरों की भिन्न प्रजातियों में अंतर नहीं कर पाते हैं किंतु प्रत्येक मच्छर प्रजाति की भिनभिनाहट अलग होती है। मच्छरों की कुल 3500 प्रजातियों में से लगभग 20-25 प्रजातियां ही मनुष्यों में रोगाणुओं की वाहक बन कर बीमारियां फैलाने का कार्य करती हैं। केवल मलेरिया से ही प्रति वर्ष विश्व में दस लाख लोग मरते हैं।
स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के कुछ वैज्ञानिकों ने मच्छरों की विविधता को जानने के लिए एबज़ प्रोजेक्ट प्रारंभ किया है। प्रोजेक्ट का डैटा है मच्छरों की आवाज़ की ऑडियो रिकॉर्ड की हुई फाइल। हम सभी अपने आसपास मच्छरों की भिनभनाहट को मोबाइल में रिकॉर्ड कर फाइल सम्बंधित प्रोजेक्ट को भेज सकते हैं। इस प्रकार हम सभी के द्वारा भेजी गई आवाज़ से मच्छर की प्रजाति को पहचान कर मच्छर विविधता ज्ञात की जा सकती है। किसी स्थान पर कौन-सी मच्छर प्रजाति बहुलता में है यह पता लगााकर उस स्थान पर मच्छरों से होने वाली बीमारी के सह-सम्बंध को ज्ञात किया जा सकता है।
मच्छरों की भिनभिनाहट कैसे रिकॉर्ड की जाती है? इसके लिए, जाली में मच्छरों को एकत्रित करके उन्हें ठंडे स्थान पर रखा जाता है। ठंड या कम तापमान निश्चेतक का कार्य करता है और मच्छर हिलना-डुलना बंद कर देते हैं। आलपिन के मोटे हिस्से पर गोंद या फेवीक्विक की एक बूंद लगाकर मच्छर के सिर से चिपकाकर सूखने के लिए रख दिया जाता है। गर्म स्थान पर आलपिन से चिपके मच्छर भिनभिनाने लगते हैं और उनकी आवाज को रिकॉर्ड कर यह भी देखा जाता है कि इस भिनभिनाहट की आवृत्ति कितनी है। आप मदद करना चाहें तो निम्नलिखित में से किसी वेबसाइट पर जाएं:
https://news.stanford.edu/2017/10/31/tracking-mosquitoes-cellphone/
https://web.stanford.edu/group/prakash-lab/cgi-bin/mosquitofreq/how-you-can-help/
यदि सिर से चिपके नर एवं मादा मच्छर को पास लाया जाता है तो नर मच्छर मादा मच्छर की आवाज़ एंटीना से पहचानकर अपने पंखों की गति को कम कर मादा की भिन-भिन की आवृत्ति से मिलाने की कोशिश करता है। कुछ ही देर में नर ऐसा कर लेते हैं। दोनों के सुरों का मिलना और युगल गीत गाने का मतलब दोनों ने एक-दूसरे को पसंद कर लिया है। युगल गीत के बाद प्रजनन होता है। मच्छर का दुर्भाग्य है कि वे अपने जीवन काल में केवल एक बार ही प्रजनन कर सकते हैं। मादा मच्छर को प्रजनन के बाद अंडों के विकास के लिए प्रोटीन की खुराक की आवश्यकता होती है जो गर्म खून वाले प्राणियों के रक्त से पूरी होती है। भरपेट रक्त पीने के बाद दो सप्ताह के जीवनकाल में मादा लगभग 200 अंडे देती है।
मच्छर-वाहित बीमारियों से निपटने के लिए कई तरह के उपाय एक साथ करने पर कारगर हो सकते हैं। यंत्रों द्वारा विपरीत लिंग की भिनभिनाहट उत्पन्न कर युगल को आकर्षित करके मारने के तरीके मच्छरों को प्रजनन करने से रोक सकते हैं और उनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है।(स्रोत फीचर्स)
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Srote - October 2020
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