अमेरिका में साल 2020 में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। वहां की विज्ञान अकादमियों का आग्रह है कि ये चुनाव मत पत्रों (बैलट पेपर) से किए जाएं।
दरअसल साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में गड़बड़ियों की आशंका जताई जा रही थी। वहां की खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया था कि रूस की सरकार ने चुनाव में धांधली करवाने की कोशिश की थी।
अमेरिका में ईवीएम मशीन और इंटरनेट के ज़रिए वोट डाले जाते हैं। राष्ट्रीय विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा अकादमी की रिपोर्ट के अनुसार मत पत्र, जिनकी गणना इंसानों द्वारा की जाती है, चुनाव के लिए सबसे सुरक्षित तरीका है। उन्होंने पाया है कि चुनाव के लिए इंटरनेट टेक्नॉलॉजी सुरक्षित और भरोसेमंद नहीं है। इसलिए रिपोर्ट में उनका सुझाव है कि 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को मत पत्रों से किया जाए। जब तक इंटरनेट सुरक्षा और सत्यापन की गांरटी नहीं देता तब तक के लिए इसे छोड़ देना बेहतर होगा। मत पत्र से मतगणना के लिए ऑप्टिकल स्कैनर का उपयोग अवश्य किया जा सकता है। मगर, इसके बाद पुनर्गणना और ऑडिट इंसानों द्वारा ही किया जाना चाहिए। अकादमी की रिपोर्ट में उन मशीनों को भी तुरंत हटाने का भी सुझाव दिया गया है जिनमें इंसानों द्वारा गणना नहीं की जा सकती।
कमेटी के सह-अध्यक्ष, कोलंबिया युनिवर्सिटी की ली बोलिंगर और इंडियाना युनिवर्सिटी के अध्यक्ष माइकल मैकरॉबी का कहना है कि मतदान के दौरान तनाव को संभालने की ज़रूरत है। जब मतदाताओं की संख्या और जटिलता बढ़ रही है और हम उन्हें मताधिकार के प्रति जागरूक करना चाहते हैं तो चुनावी प्रक्रिया को भ्रष्ट होने से बचाना ज़रूरी है। (स्रोत फीचर्स)