वर्ष 12, अंक 67-72
अंक 67 | |||
आपने लिखा | 04 | स्कूली भाषा-शिक्षण में... | 49 |
तापमापी में पारा क्यों? | 07 | हीरे की कठोरता बनाम... | 62 |
गणक के साथ खोजबीन | 19 | स्वाद में क्या रक्खा है! | 71 |
जीवशास्त्र के कुछ भ्रम | 29 | दस पैसे और दादी | 81 |
रंग, गन्ध और उत्तेजना | 43 | सूर्य ग्रहण और प्रकृति... | 87 |
अंक 68 | |||
आपने लिखा | 04 | पी.सी. वैद्य | 58 |
ऑलिव रिडली और उड़ीसा | 07 | मैं सिर्फ बच्चों का लेखक... | 59 |
वलयाकार सूर्यग्रहण: एक... | 19 | स्कूल के दिन | 69 |
आसान नहीं है घुलने-मिलने... | 29 | एक अन-गिना नाम | 78 |
भिन्न से अनुपात की ओर | 45 | बच्चों को आज़ादी कितनी? | 91 |
अंक 69 | |||
आपने लिखा | 04 | क्यों, क्यों, क्यों - ऐसा ही क्यों | 49 |
विज्ञान, मैं और विज्ञान... | 05 | मेरी कक्षा का एक घण्टा | 57 |
क्या परमाणु रंगीन होते हैं? | 11 | बच्चों की बात | 65 |
हम अपने शरीर को कैसे... | 21 | गवर्नेस | 69 |
संवाद एवं लोकतांत्रिक कक्षा | 35 | यह कस्बा बदल गया है | 84 |
अंक 70 | |||
आपने लिखा | 04 | आँखें विवादों से घिरी रही हैं | 53 |
शोध का प्रथम रोमांच | 07 | जुलाई का जादू तितली उड़ी | 60 |
मेघ मरीचिका | 19 | कजरी गाय के बहाने | 65 |
सीखने की जगह - कनव् | 25 | पृथ्वी ग्रह का शिक्षण | 78 |
विज्ञान की प्रक्रियाएँ | 39 | पाठ्य पुस्तक | 83 |
किस्सा एक पहेली का | 47 | प्रेइंग मेंटिस के साथ सात दिन | 89 |
अंक 71 | |||
बीजों का अंकुरण | 07 | सार्वजनिक कुंजी कूटलेखन | 47 |
दर्पण झूठ न बोले | 19 | स्वीकृत ज्ञान: भूगोल में निहित... | 59 |
आधुनिक संशयवादी आन्दोलन... | 25 | कहानियों का पेड़ | 77 |
एक मेला ऐसा भी | 39 | सबका जाना-पहचाना पान-चूँचड़ा | 89 |
अंक 72 | |||
आपने लिखा | 04 | अनन्त संख्याओं की गिनती कैसे... | 35 |
बीजों के अंकुरण की विचित्रता... | 04 | मनुष्य और नागरिक के अधिकारों... | 48 |
बनते-सँवरते विचारों के वैज्ञानिक... | 07 | बच्चों को बताना बन्द करें | 55 |
जीवन का ताना-बाना... | 14 | डिफरेंट टेल्स की समीक्षा | 61 |
क्या आप हवा को देख सकते हैं? | 19 | अनारको सपनों के अस्पताल में | 76 |
प्राथमिक कक्षाएँ एवं संवाद | 25 | इंडेक्स अंक | 83 |
मार्टिन गार्डनर की तीन पहेलियाँ | 34 | शहद की खोज आपसी सहयोग से | 90 |
इंडेक्स देखने का तरीका: छह अंकों में प्रकाशित सामग्री का विषय आधारित वर्गीकरण किया गया है। कई लेखों में एक से ज़्यादा मुद्दे शामिल हैं इसलिए वे लेख एक से ज़्यादा स्थानों पर रखे गए हैं। लेख के शीर्षक और लेखक के नाम के साथ पहले बोल्ड में उस अंक का क्रमांक है जिसमें वह लेख प्रकाशित हुआ है। फुलस्टॉप के बाद उस लेख का पृष्ठ क्रमांक दिया गया है। उदाहरण के लिए लेख “शोध का प्रथम रोमांच” 70.07 का अर्थ है यह लेख अंक 70 के पृष्ठ क्रमांक 07 पर है।
भौतिकी (Physics) | ||
तापमापी में पारा क्यों? | सुशील जोशी | 67.07 |
सूर्य ग्रहण और प्रकृति का पिन होल... | आमोद कारखानिस | 67.87 |
क्या परमाणु रंगीन होते हैं? | रमा चारी | 69.11 |
शोध का प्रथम रोमांच | पी.सी. वैद्य | 70.07 |
दर्पण झूठ न बोले | मार्टिन गार्डनर | 71.19 |
क्या आप हवा को देख सकते हैं? | अंदल नारायणन, जोसेफ सेम्यूल व सुपूर्णा सिन्हा | 72.19 |
खगोल विज्ञान (Astronomy) | ||
सूर्य ग्रहण और प्रकृति का पिन होल... | आमोद कारखानिस | 67.87 |
वलयाकार सूर्यग्रहण: एक अनुभव | स्वछन्द गंदगे | 68.19 |
रसायनशास्त्र (Chemistry) | ||
तापमापी में पारा क्यों? | सुशील जोशी | 67.07 |
हीरे की कठोरता बनाम कठोरता... | माधव केलकर | 67.62 |
आसान नहीं है घुलने-मिलने को समझना | सुशील जोशी | 68.29 |
क्या परमाणु रंगीन होते हैं? | रमा चारी | 69.11 |
वनस्पतिशास्त्र (Botany) | ||
बीजों का अंकुरण | आमोद कारखानिस | 71.07 |
बीजों के अंकुरण की विचित्रता... | किशोर पंवार | 72.04 |
प्राणीशास्त्र (Zoology) | ||
जीवशास्त्र के कुछ भ्रम | स्टीवॅन वोगल | 67.29 |
स्वाद में क्या रक्खा है! | स्निग्धा दास | 67.71 |
ऑलिव रिडली और उड़ीसा | दीपक वर्मा | 68.07 |
हम अपने शरीर को कैसे जानते हैं? | कैरन हैडॉक | 69.21 |
आँखें विवादों से घिरी रही हैं | सुशील जोशी | 70.53 |
जुलाई का जादू - तितली उड़ी | किशोर पंवार | 70.60 |
प्रेइंग मेंटिस के साथ सात दिन | नीरज जैन | 70.89 |
सबका जाना-पहचाना -- पान चूँचड़ा | के.आर. शर्मा | 71.89 |
बनते-सँवरते विचारों के वैज्ञानिक - वाइसमैन | सुशील जोशी | 72.07 |
शहद की खोज आपसी सहयोग से | डी.एन. मिश्रराज | 72.90 |
जैव विकास/अनुकूलन (Evolution/Adaptation) | ||
ऑलिव रिडली और उड़ीसा | दीपक वर्मा | 68.07 |
हम अपने शरीर को कैसे जानते हैं? | कैरन हैडॉक | 69.21 |
आँखें विवादों से घिरी रही हैं | सुशील जोशी | 70.53 |
बीजों का अंकुरण | आमोद कारखानिस | 71.07 |
बनते-सँवरते विचारों के वैज्ञानिक - वाइसमैन | सुशील जोशी | 72.07 |
गणित (Mathematics) | ||
गणक के साथ खोजबीन | प्रमोद मैथिल | 67.19 |
भिन्न से अनुपात की ओर | मो. उमर | 68.45 |
पी.सी. वैद्य | संकलित | 68.58 |
क्यों, क्यों, क्यों, ऐसा ही क्यों? | एस. श्रीनिवासन | 69.49 |
मेरी कक्षा का एक घण्टा | सुनील वर्मा | 69.57 |
एक मेला ऐसा भी | संदीप दिवाकर | 71.39 |
सार्वजनिक कुंजी कूटलेखन | एस. श्रीनिवासन | 71.47 |
मार्टिन गार्डनर की तीन पहेलियाँ | संकलित | 72.34 |
अनन्त संख्याओं की गिनती कैसे करें? | जॉर्ज गैमो | 72.35 |
सामाजिक विज्ञान/स्थानीय इतिहास/भूगोल | ||
क्यों, क्यों, क्यों, ऐसा ही क्यों? | एस. श्रीनिवासन | 69.49 |
यह कस्बा बदल गया है | रिनचिन व महीन | 69.84 |
सीखने की जगह - कनव् | एलेक्स एम. जॉर्ज | 70.25 |
पृथ्वी ग्रह का शिक्षण | मुकेश मालवीय | 70.78 |
स्वीकृत ज्ञान: भूगोल में निहित राजनैतिक... | यमुना सन्नी | 71.59 |
मनुष्य और नागरिक के अधिकारों का... | सी.एन. सुब्रह्मण्यम् | 72.48 |
विज्ञान शिक्षण/सामान्य विज्ञान | ||
जीवशास्त्र के कुछ भ्रम | स्टीवॅन वोगल | 67.29 |
स्वाद में क्या रक्खा है! | स्निग्धा दास | 67.71 |
सूर्य ग्रहण और प्रकृति का पिन होल... | आमोद कारखानिस | 67.87 |
ऑलिव रिडली और उड़ीसा | दीपक वर्मा | 68.07 |
आसान नहीं है घुलने-मिलने को समझना | सुशील जोशी | 68.29 |
विज्ञान, मैं और विज्ञान का रोमांच | जयन्त नार्लिकर | 69.05 |
हम अपने शरीर को कैसे जानते हैं? | कैरन हैडॉक | 69.21 |
शोध का प्रथम रोमांच | पी.सी. वैद्य | 70.07 |
विज्ञान की प्रक्रियाएँ | डेविड जरनेर मार्टिन | 70.39 |
आँखें विवादों से घिरी रही हैं | सुशील जोशी | 70.53 |
जुलाई का जादू - तितली उड़ी | किशोर पंवार | 70.60 |
प्रेइंग मेंटिस के साथ सात दिन | नीरज जैन | 70.89 |
बीजों का अंकुरण | आमोद कारखानिस | 71.07 |
दर्पण झूठ न बोले | मार्टिन गार्डनर | 71.19 |
आधुनिक संशयवादी आन्दोलन... | साक्षात्कार | 71.25 |
सबका जाना-पहचाना -- पान चूँचड़ा | के.आर. शर्मा | 71.89 |
बनते-सँवरते विचारों के वैज्ञानिक - वाइसमैन | सुशील जोशी | 72.07 |
जीवन का ताना-बाना - एक विज्ञान... | प्रमोद मैथिल | 72.14 |
क्या आप हवा को देख सकते हैं? | अंदल नारायणन, जोसेफ सेम्यूल व सुपूर्णा सिन्हा | 72.19 |
शहद की खोज आपसी सहयोग से | डी.एन. मिश्रराज | 72.90 |
बच्चों/शिक्षकों के साथ अनुभव | ||
गणक के साथ खोजबीन | प्रमोद मैथिल | 67.19 |
सूर्य ग्रहण और प्रकृति का पिन होल... | आमोद कारखानिस | 67.87 |
भिन्न से अनुपात की ओर | मो. उमर | 68.45 |
स्कूल के दिन | स्टीफन ज़्वाइग | 68.69 |
बच्चों को आज़ादी कितनी? | नसीम अख्तर | 68.91 |
संवाद एवं लोकतांत्रिक कक्षा | जितेन्द्र कुमार | 69.35 |
मेरी कक्षा का एक घण्टा | सुनील वर्मा | 69.57 |
बच्चों की बात | गायत्री | 69.65 |
यह कस्बा बदल गया है | रिनचिन व महीन | 69.84 |
मेघ मरीचिका | कैरन हैडॉक | 70.19 |
किस्सा एक पहेली का | महेश बसेड़िया | 70.47 |
पृथ्वी ग्रह का शिक्षण | मुकेश मालवीय | 70.78 |
बीजों का अंकुरण | आमोद कारखानिस | 71.07 |
एक मेला ऐसा भी | संदीप दिवाकर | 71.39 |
जीवन का ताना-बाना - एक विज्ञान... | प्रमोद मैथिल | 72.14 |
प्राथमिक कक्षाएँ एवं संवाद | जितेन्द्र कुमार | 72.25 |
शिक्षा शास्त्र एवं शिक्षण विधि (Educational Pedagogy and Methods) | ||
स्कूली भाषा-शिक्षण में द्विभाषा नीति | एलीथिया डी. रोज़ारियो | 67.49 |
संवाद एवं लोकतांत्रिक कक्षा | जितेन्द्र कुमार | 69.35 |
मेघ मरीचिका | कैरन हैडॉक | 70.19 |
सीखने की जगह - कनव् | एलेक्स एम. जॉर्ज | 70.25 |
विज्ञान की प्रक्रियाएँ | डेविड जरनेर मार्टिन | 70.39 |
पृथ्वी ग्रह का शिक्षण | मुकेश मालवीय | 70.78 |
एक मेला ऐसा भी | संदीप दिवाकर | 71.39 |
जीवन का ताना-बाना - एक विज्ञान... | प्रमोद मैथिल | 72.14 |
प्राथमिक कक्षाएँ एवं संवाद | जितेन्द्र कुमार | 72.25 |
बच्चों को बताना बन्द करें | कमलेश चन्द्र जोशी | 72.55 |
इंटरव्यू/आत्मकथा/जीवनी | ||
रंग, गन्ध और उत्तेजना | रेनी एम. बोर्जेस | 67.43 |
पी.सी. वैद्य | संकलित | 68.58 |
मैं सिर्फ बच्चों का लेखक... (रस्किन बॉण्ड) | अविनन्दन मुखर्जी | 68.59 |
स्कूल के दिन | स्टीफन ज़्वाइग | 68.69 |
विज्ञान, मैं और विज्ञान का रोमांच | जयन्त नार्लिकर | 69.05 |
यह कस्बा बदल गया है | रिनचिन व महीन | 69.84 |
शोध का प्रथम रोमांच | पी.सी. वैद्य | 70.07 |
आधुनिक संशयवादी आन्दोलन...साक्षात्कार | मार्टिन गार्डनर | 71.25 |
बनते-सँवरते विचारों के वैज्ञानिक - वाइसमैन | सुशील जोशी | 72.07 |
बच्चों को बताना बन्द करें (यूया विस्लैंडर) | कमलेश चन्द्र जोशी | 72.55 |
पुस्तक अंश/समीक्षा | ||
रंग, गन्ध और उत्तेजना (पुस्तक अंश) | रेनी एम. बोर्जेस | 67.43 |
स्कूल के दिन (पुस्तक अंश) | स्टीफन ज़्वाइग | 68.69 |
शोध का प्रथम रोमांच (पुस्तक अंश) | पी.सी. वैद्य | 70.07 |
विज्ञान की प्रक्रियाएँ (पुस्तक अंश) | डेविड जरनेर मार्टिन | 70.39 |
कजरी गाय के बहाने (पुस्तक समीक्षा) | कमलेश चन्द्र जोशी | 70.65 |
दर्पण झूठ न बोले (पुस्तक अंश) | मार्टिन गार्डनर | 71.19 |
स्वीकृत ज्ञान: भूगोल में... (पुस्तक समीक्षा) | यमुना सन्नी | 71.59 |
अनन्त संख्याओं की गिनती... (पुस्तक अंश) | जॉर्ज गैमो | 72.35 |
डिफरेंट टेल्स की समीक्षा (पुस्तक समीक्षा) | शोभा सिन्हा | 72.61 |
भाषा शिक्षण | ||
स्कूली भाषा-शिक्षण में द्विभाषा नीति | एलीथिया डी. रोज़ारियो | 67.49 |
संवाद एवं लोकतांत्रिक कक्षा | जितेन्द्र कुमार | 69.35 |
प्राथमिक कक्षाएँ एवं संवाद | जितेन्द्र कुमार | 72.25 |
कहानी | ||
दस पैसे और दादी | गुलज़ार | 67.81 |
एक अन-गिना नाम | रेवा यूनुस | 68.78 |
गवर्नेस | स्टीफन ज़्वाइग | 69.69 |
पाठ्य पुस्तक | नुऐमन | 70.83 |
कहानियों का पेड़ | रिनचिन | 71.77 |
अनारको सपनों के अस्पताल में | सत्यु | 72.76 |