क्यों नहीं लगा चिड़िया को करंट
कई जवाब मिले हमें। अधिकतम सही। दो जवाब हम यहां दे रहे हैं। जिनमें परिपथ पूरा होने की बात को अलग-अलग स्पष्ट किया गया है। दोनो ही सही हैं। साथ ही उन लोगों के नाम भी जिन्होंने सही जवाब भेजे।
पहला जवाब : किसी जीव को करंट लगने से मतलब है उस व्यक्ति के शरीर का माध्यम लेकर विद्युत अर्थ में चली जाए अत: यदि कोई भी जीव भूमि से संपर्कित न हो तो उसके द्वारा विद्युत स्पर्श होने के बाद भी उसके शरीर में विद्युत प्रवाह नहीं होगा, यदि इन चिड़ियों के स्थान पर यदि कोई मानव भी होता तो भी उसे करंट नहीं लगता।
प्रमोद कुमार मैथिल, बाल मंदिर के पास
पुरानी इटारसी
दूसरा जवाब : चिड़िया केवल एक तार पर बैठती हे उसका संपर्क किसी दूसरे तार से नहीं होता अत: उसे अर्थ नहीं मिलता। इसलिए उसे करंट नहीं लगता। हम भी सूखी रबर की चप्पलें पहन कर ऐसा कर सकते हैं पर आप करना नहीं।
चम्पालाल कुशवाहा, हिरनखेड़ा
होशंगाबाद
इन्होंने भी सही जवाब भेजे : प्रमोद तिवारी, ग्रा. तागा, जाजगीर, ज़िला बिलासपुर, म.प्र., बलदेव जुमनानी, कक्षा - 10 साधु वासवाणी हाईस्कूल, सिंधी कॉलोनी, ग्वालटोली, होशंगाबाद।
शॉक या झटके का अहसास तभी होता है जब हम किसी भी परिपथ में दो ऐसे बिन्दुओं को छुएं जो अलग-अलग वोल्टेज पर हों। तब ही आपके शरीर में से विद्युत धारा बहेगी। केवल एक तार को छूने से, चाहे वह 1100 वोल्ट की क्यों न हों आपके शरीर में से विद्युत धारा नहीं बहेगी, चाहे आप उसे दो हाथ से पकड़कर लटक जाएं।
एक तार को छूना और धरती को छूना भी वही स्थिति पैदा करता है जो दो तार को छूने पर होती है। इसलिए अगर आप तार और धरती दोनों के संपर्क में होंगे तो शॉक लगेगा।
झटका कितना ज़ोरदार और कितना खतरनाक होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपने जिन तारों को छुआ है उन दोनों के बीच विद्युत विभव (वोल्टेज अंतर) कितना है! इन दोनों बातों से यह तय होगा कि आपके शरीर में से कितना करंट बहेगा और झटका कितना घातक होगा। 0.05 एम्पियर से 0.10 तक का करंट भी जानलेवा हो सकता है।