अमरीका में जल्द ही शुरू होने वाली 5जी सेवाओं पर मौसम विज्ञानियों की चिंता है कि यदि आवंटित स्पेक्ट्रम पर 5जी सेवाएं शुरू हुर्इं तो मौसम सम्बंधी भविष्यवाणी का काम प्रभावित होगा।
मार्च 2019 में फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (FCC) द्वारा 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन किया गया था, जिसके बाद वायरलेस कंपनियां 24 गीगा हर्ट्ज़ पर 5जी सेवाएं देना शुरु कर सकती हैं। 5जी शुरू होने के बाद सेवा की रफ्तार 100 गुना तक बढ़ जाएगी।
वहीं नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOॠॠ) के प्रमुख नील जैकब्स की आशंका है कि 5जी का उपयोग मौसम पूर्वानुमान की सटीकता को 30 प्रतिशत तक कम कर सकता है। तब मौसम भविष्यवाणी की स्थिति वैसी हो जाएगी जैसे 1980 के दशक में हुआ करती थी। जिससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को 2-3 दिन देर से चेतावनी मिल पाएगी। विसकॉन्सिन मेडिसन युनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी जॉर्डन गर्थ का कहना है कि दरअसल वायुमंडल में जलवाष्प मौजूदगी बताने वाले संकेत 23.6 गीगा हर्ट्ज़ से 24 गीगा हर्टज़ के बीच काम करते हैं और 5जी नेटवर्क 24 गीगा हर्ट्ज़ पर शुरू होगा। तो 5जी से होने वाला प्रसारण इन सेंसरों को आसानी से प्रभावित कर सकता है जैसे कोई शोरगुल करने वाला पड़ोसी हो।
लेकिन सेल्युलर टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री संघ (CTIA) के उपाध्यक्ष ब्राड गिलेन का कहना है कि मौसम पूर्वानुमान पर 5जी के प्रभाव पर जो गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं वे गलत हैं। जो लोग 5जी के उपयोग पर रोक लगाना चाहते हैं वे यह सोच रहे हैं कि यह मौसम के बारे में अनुमान देने वाले सेंसर, कोनिकल माइक्रोवेव इमेजर साउंडर (CMIS) को प्रभावित करेगा। लेकिन तथ्य यह है कि इन्हें (CMIS) को 2006 में ही खारिज कर दिया गया था ये कभी इस्तेमाल ही नहीं किए गए हैं।
इस पर गर्थ का कहना है कि CMIS के उन्नत तकनीक के सेंसर (एडवांस्ड टेक्नॉलॉजी माइक्रोवेव साउंडर, ATMS) मौसम पूर्वानुमान में उपयोग किए जाते हैं जो 23.8 गीगा हर्ट्ज़ पर काम करते हैं जो 5जी की सीमा के नज़दीक ही है। इस पर CTIA के निक ल्युडलम का कहना है कि CMIS की तुलना में ATMS सेंसर काफी छोटे हैं और उनकी रेंज सीमित है जिससे यह आसपास की स्पेक्ट्रम के प्रति कम संवेदी है।
5जी के उपयोग के मसले पर मोबाइल कंपनियों और अमरीकी सरकार के बीच असहमति और बहस तो कई महीनों से चल रही है लेकिन यह उजागर कुछ समय पहले हुई है। लोग चाहते हैं कि 28 अक्टूबर को मिरुा में होने वाली वर्ल्ड कम्युनिकेशन कॉन्फ्रेंस के पहले इस मुद्दे पर चल रही बहस को सुलझा लिया जाए।
वैसे यदि 5जी किसी अन्य स्पेक्ट्रम पर शुरू होता है तो वह भी नई बहस शुरू कर सकता है। गर्थ का कहना है कि 5जी के उपयोग पर विवाद तो 36-37 गीगा हर्ट्ज पर भी हो सकता है जिसका उपयोग बारिश और बर्फ गिरने के अनुमान के लिए किया जाता है या 50 गीगाहर्ट्ज़ पर भी हो सकता है जिस पर वायुमंडलीय तापमान का पता किया जाता है। (स्रोत फीचर्स)
-
Srote - November 2019
- जैसी दिखती है असल में वैसी है नहीं आकाशगंगा!
- सोवियत संघ के विघटन से ग्रीनहाउस गैसों में कमी
- 5जी शुरु होने से मौसम पूर्वानुमान पर असर
- जारी है मौसम की भविष्यवाणी के प्रयास
- पेड़ भोजन-पानी में साझेदारी करते हैं
- जंगल बसाए जा सकते हैं
- वनों में जीएम वृक्ष लगाने देने की अपील
- शहरों का पर्यावरण भी काफी समृद्ध है
- अमेज़न के जंगल बचाना धरती की रक्षा के लिए ज़रूरी
- ओज़ोन परत पर एक और हमला
- क्या बिजली-वाहन प्रदूषण कम करने में कारगर होंगे?
- 50 वर्षों बाद टीबी की नई दवा
- सूक्ष्मजीव कुपोषण से लड़ने में सहायक
- अदरख के अणु सूक्ष्मजीव संसार को बदल देते हैं
- अंगों की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास
- क्या पोलियो जल्दी हमारा पीछा नहीं छोड़ेगा?
- कानों की सफाई के लिए कपास का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं
- कुत्तों और मनुष्य के जुड़ाव में आंखों की भूमिका
- विज्ञान शिक्षण में भेदभाव
- रांगा: प्रागैतिहासिक काल से आधुनिक काल तक
- विशाल क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुज़रने वाला है
- दा विंची की पेंटिंग के पीछे छिपी तस्वीर
- जैव विकास और मनुष्यों की विलुप्त पूंछ
- मन्टा-रे मछलियां दोस्ती भी करती हैं
- दिमाग की कैमेस्ट्री बिगाड़ रही है इंटरनेट की लत
- कहीं आप फफूंद तो नहीं खा रहे