फिलीपींस के एक द्वीप की गुफा में प्राचीन मानव प्रजाति की हड्डियां और दांत मिले हैं। मनुष्यों का यह रिश्तेदार आकार में हॉबिट से भी छोटा होता था।
लूज़ोन द्वीप पर पाए जाने के कारण इस नई प्रजाति का नाम होमो लुज़ोनेंसिस रखा गया है। यह प्रजाति इस द्वीप पर लगभग 50,000 से अधिक साल पहले प्लायस्टोसिन काल में पाई जाती थी। 4 फीट (1.2 मीटर) से कम ऊंचाई वाला होमो लुज़ोनेंसिस दूसरा ज्ञात बौना मानव है। इससे पहले होमो फ्लोरेसेंसिस (जिसे हॉबिट भी कहते हैं) के अवशेष 2004 में इंडोनेशियाई द्वीप फ्लोर्स पर पाए गए थे।
भले ही होमो लुज़ोनेंसिस आकार में छोटे हैं लेकिन इनकी कई विशेषताएं अन्य प्राचीन मानव रिश्तेदारों से मेल खाती हैं। इनके पैर और उंगलियों की हड्डियां ऑस्ट्रेलोपिथेकस (मानव और चिम्पैंजी के बीच की एक प्रजाति) की तरह घुमावदार हैं, दांतों का आकार ऑस्ट्रेलोपिथेकस, होमो हैबिलिस और होमो इरेक्टस के सामान हैं, और छोटे दांत आधुनिक मनुष्यों या होमो सेपियंस के समान दिखते हैं।
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और नेशनल म्यूज़ियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री, पेरिस के पुरा-मानव विज्ञानी फ्लारेंस डाइट्रॉइट के अनुसार इन जीवाश्म घटकों में शारीरिक विशेषताओं का एक ऐसा मिश्रण दिखाई देता है जो होमो वंश की अन्य प्रजातियों में नहीं दिखाई देता। इसलिए यह एक नई प्रजाति लगती है। इससे पहले 2007 में लूज़ोन की कैलाओ गुफा में पैर के पंजे की 67,000 वर्ष पुरानी हड्डी मिली थी और उसके बाद से ही खुदाई का काम शुरू कर दिया गया। इस दौरान कुल मिलाकर 13 जीवाश्म हड्डियां और दांत मिले जो दो प्राणियों के थे। इनमें से एक 50,000 वर्ष पुराने जीवाश्म से पता चला कि होमो लुज़ोनेंसिस दरअसल होमो सेपिएंस, निएंडरथल, डेनिसोवांस और होमो फ्लोरेसेंसिस सहित अन्य मानव प्रजातियों के साथ अस्तित्व में थे।
फिलहाल यह कह पाना तो संभव नहीं है कि होमो लुज़ोनेंसिस दिखते कैसे होंगे लेकिन उनके छोटे-छोटे दांतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस प्रजाति का आकार छोटा ही होगा। साथ ही घुमावदार पंजे और उंगलियों से अनुमान लगाया जा सकता है कि वे पेड़ पर चढ़ने के साथ-साथ ज़मीन पर सीधा चलने में भी माहिर थे। होमो प्रजातियां 20 लाख वर्ष पहले दो पैरों पर चलने लगी थीं, इसलिए यह कहना तो ठीक नहीं होगा कि होमो लुज़ोनेंसिस वापिस पेड़ों पर चढ़ गए थे। शायद एक अलग द्वीप पर रहने के कारण उनमें यह विशेषता उभरी।
हालांकि कुछ ऐसी संभावनाएं हैं जिन पर अक्सर बात होती रही है। जैसे लूज़ोन पर 7,00,000 साल पहले के साक्ष्य से पता चला है कि कुछ एशियाई होमो इरेक्टस किसी प्रकार समुद्र पार करके यहां बस गए और लूज़ोन द्वीप के प्रभाव के कारण होमो लुज़ोनेंसिस में परिवर्तित हो गए। हालांकि वैज्ञानिक फिलिपींस की गीली और गर्म जलवायु के चलते हड्डियों से किसी भी डीएनए को निकालने में असमर्थ रहे, लेकिन फिर भी हड्डियों में मौजूद प्रोटीन से उत्पत्ति का पता लगाया जा सकता है। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - July 2019
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