हाल ही में, प्रसिद्ध भौतिकीविद् एवं भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), पुणे के विज़िटिंग प्रोफेसर दीपक धर को वर्ष 2022 के प्रतिष्ठित बोल्ट्ज़मैन पदक के लिए चुना गया है। प्रोफेसर दीपक धर के अलावा प्रिंसटन युनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन होपफील्ड को भी सम्मानित किया गया है।
इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड फिज़िक्स (आईयूपीएपी) के सांख्यिकीय भौतिकी पर सी3 (C3) आयोग द्वारा स्थापित बोल्ट्ज़मैन पदक सांख्यिकीय भौतिकी में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 3 साल में एक बार दिया जाता है।
प्रोफेसर धर का जन्म 30 अक्टूबर 1951 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र प्रोफेसर धर ने सांख्यिकीय भौतिकी और स्टोकेस्टिक प्रक्रियाओं पर अनुसंधान में एक लंबा सफर तय किया है। उनके शोध कार्य का आरंभ 1978 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी में पीएचडी के साथ हुआ था। पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के बाद प्रोफेसर धर ने भारत लौटकर टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर) में एक रिसर्च फेलो के रूप में अपना करियर शुरू किया। दो साल के शोध के बाद 1980 में वे पूर्णकालिक फेलो बन गए और 1986 में उन्हें रीडर के रूप में पदोन्नत किया गया था। प्रोफेसर धर ने संस्थान में विभिन्न पदों पर सेवाएं दीं।
उन्होंने 1984-85 के दौरान पेरिस विश्वविद्यालय में विज़िटिंग वैज्ञानिक के रूप में एक साल तक कार्य किया। मई 2006 में आइज़ैक न्यूटन इंस्टीट्यूट में रोथ्सचाइल्ड प्रोफेसर के रूप में भी एक महीने उन्होंने कार्य किया। 2016 से वे आईआईएसईआर, पुणे में कार्यरत हैं।
प्रोफेसर धर भारत की तीनों प्रमुख भारतीय विज्ञान अकादमियों - इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज़, इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ - के अलावा दी वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंस के निर्वाचित फेलो हैं। 1991 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा प्रोफेसर धर को भौतिक विज्ञान में उनके योगदान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - May 2022
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