गर्म शहरी टापुओं का तापमान बढ़ाने में डामर की सड़कें भी भूमिका निभाती हैं। हाल ही में एरिज़ोना स्टेट युनिवर्सिटी और फीनिक्स शहर द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि डामर की सड़क पर भूरे रंग की परावर्तक पुताई करने से सड़क की सतह के औसत तापमान में 6 से 7 डिग्री सेल्सियस की कमी आती है, और सुबह के समय तापमान में औसतन 1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई।
गर्मी के दिनों में फीनिक्स शहर की सड़कें 82 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो जाती हैं। सड़कों द्वारा अवशोषित यह ऊष्मा रात में वापस वातावरण में फैल जाती है, फलस्वरूप रात का तापमान बढ़ जाता है। और रात गर्म होने से सुबहें भी गर्म होती है। इस तरह गर्मी का यह चक्र चलता ही रहता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सड़कों को परावर्तक रंग से पोतने के बाद तापमान में सबसे अधिक अंतर सड़क की सतह के पास पड़ा था और सबसे कम अंतर जमीन से 6 फीट ऊपर था। फिर भी, डामर की काली सड़कों की तुलना में परावर्तक से पुती सड़कों के पास की जगह पर दिन-रात के तापमान में थोड़ी कमी तो आई थी।
लेकिन ऐसी पुताई सारी सतहों पर एक-सा असर नहीं डालतीं। एरिज़ोना की शहरी जलवायु विज्ञानी और सहायक प्रोफेसर एरियन मिडल का कहना है कि तापमान मापने का सार्थक तरीका विकिरण आधारित होगा अर्थात यह देखा जाए कि शरीर गर्मी का अनुभव कैसे करता है।
जब शोधकर्ता ताप संवेदी यंत्रों से लैस एक छोटी गाड़ी लेकर परावर्तक सड़कों पर चले तो पता चला कि सतह से परावर्तन के कारण दोपहर और दोपहर के बाद लोग सबसे अधिक गर्मी महसूस करते हैं, लेकिन यह गर्मी कांक्रीट के फुटपाथों जैसी ही थी। यानी सतह के तापमान में तो कमी होती है लेकिन व्यक्ति द्वारा महसूस की गई गर्मी अधिक होती है।
फीनिक्स स्ट्रीट ट्रांसपोर्टेशन डिपार्टमेंट की प्रवक्ता हीदर मर्फी का कहना है कि सड़कों को पोतने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया प्राय: सकारात्मक रही। चकाचौंध और दृश्यता के बारे में कुछ चिंता ज़रूर ज़ाहिर हुई लेकिन पता चला कि सड़क सूखने के बाद यह दिक्कत भी जाती रही।
वैसे तो अभी और अध्ययन किए जाएंगे लेकिन अधिकारी चेताते हैं कि शहरी गर्मी से बचने के लिए सड़कों को रंगना कोई रामबाण उपाय नहीं है। इन सड़कों पर खड़े होंगे तो गर्मी तो लगेगी, छाया का सहारा तो लेना होगा। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - December 2021
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