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Srote - September 2019
- देश बन रहा है डंपिंग ग्राउंड
- बेसल समझौते में प्लास्टिक को शामिल किया गया
- समुद्री सूक्ष्मजीव प्लास्टिक कचरे को खा रहे हैं
- अल्जीरिया और अर्जेंटाइना मलेरिया मुक्त घोषित
- एक फफूंद मच्छरों और मलेरिया से बचाएगी
- कैंसर कोशिकाओं को मारने हेतु लेज़र
- आंतों के बैक्टीरिया और ऑटिज़्म का सम्बंध
- आंखों पर इतने बैक्टीरिया का अड्डा क्यों है?
- दुनिया का सबसे छोटा जीवित शिशु सेब के बराबर था
- 5 करोड़ वर्ष में मछलियों के नियम नहीं बदले
- कुछ लोगों को मच्छर ज़्यादा क्यों काटते हैं?
- कौआ और कोयल: संघर्ष या सहयोग
- गिद्धों की कमी से खतरे की घंटी
- बोत्सवाना में हाथियों के शिकार से प्रतिबंध हटा
- एक पौधे और एक पक्षी की अजीब दास्तान
- बड़े शहर अपने बादल बनाते हैं
- लैक्टोस पचाने की क्षमता की शुरुआत कहां से हुई
- स्मार्टफोन के उपयोग से खोपड़ी में परिवर्तन
- हीरों का निर्माण महासागरों में हुआ था
- शुक्र का एक दिन
- अंतरिक्ष यात्रा के दौरान शरीर में बदलाव
- आवाज़ सुनकर चेहरे की डिजिटल तस्वीर
- पीएच.डी. में प्रकाशन की अनिवार्यता समाप्त करने का प्रस्ताव
- जीनोम का धंधा: डायरेक्ट टू कंज़्यूमर (डीटीसी)
- आयुष अनुसंधान पर मंत्रालय का अवैज्ञानिक दृष्टिकोण
- अनुचित है किसानों को जीएम फसलों के लिए उकसाना
- आवर्त सारणी की 150वीं वर्षगांठ
Srote - September 2019
- देश बन रहा है डंपिंग ग्राउंड - संध्या रायचौधरी
- बेसल समझौते में प्लास्टिक को शामिल किया गया - नवनीत कुमार गुप्ता
- समुद्री सूक्ष्मजीव प्लास्टिक कचरे को खा रहे हैं
- अल्जीरिया और अर्जेंटाइना मलेरिया मुक्त घोषित
- एक फफूंद मच्छरों और मलेरिया से बचाएगी
- कैंसर कोशिकाओं को मारने हेतु लेज़र
- आंतों के बैक्टीरिया और ऑटिज़्म का सम्बंध
- दुनिया का सबसे छोटा जीवित शिशु सेब के बराबर था
- आंखों पर इतने बैक्टीरिया का अड्डा क्यों है?
- 5 करोड़ वर्ष में मछलियों के नियम नहीं बदले
- कुछ लोगों को मच्छर ज़्यादा क्यों काटते हैं?
- कौआ और कोयल: संघर्ष या सहयोग - कालू राम शर्मा
- गिद्धों की कमी से खतरे की घंटी - मनीष वैद्य
- बोत्सवाना में हाथियों के शिकार से प्रतिबंध हटा
- एक पौधे और एक पक्षी की अजीब दास्तान - डॉ. किशोर पंवार
- बड़े शहर अपने बादल बनाते हैं
- लैक्टोस पचाने की क्षमता की शुरुआत कहां से हुई
- स्मार्टफोन के उपयोग से खोपड़ी में परिवर्तन
- हीरों का निर्माण महासागरों में हुआ था
- शुक्र का एक दिन - एस. अनंतनारायणन
- अंतरिक्ष यात्रा के दौरान शरीर में बदलाव - डॉ. डी. बालसुब्रामण्यन
- आवाज़ सुनकर चेहरे की डिजिटल तस्वीर
- पीएच.डी. में प्रकाशन की अनिवार्यता समाप्त करने का प्रस्ताव
- जीनोम का धंधा: डायरेक्ट टू कंज़्यूमर (डीटीसी) - शशांक एस. तिवारी
- आयुष अनुसंधान पर मंत्रालय का दृष्टिकोण - लखोटिया, पटवर्धन, रस्तोगी
- अनुचित है किसानों को जीएम फसलों के लिए उकसाना - भारत डोगरा
- आवर्त सारणी की 150वीं वर्षगांठ - डॉ. डी. बालसुब्रामण्यन