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Sandarbh - Issue 133 (March-April 2021)
Sandarbh - Issue 133 (March-April 2021)
हमारे बीच जाले बुनती और शिकार करती मकड़ियाँ - वीना कपूर, दिव्या उमा
यदि आप ध्यान से देखेंगे तो आपको हर जगह मकड़ियाँ मिलेंगी - घरों के पर्दों के पीछे, आपकी स्कूल की दीवारों पर, एस्बेस्टस की चद्दरों पर, पेड़ों की छालों पर, पत्तों के नीचे और बीच में, छत के कोनों में और यहाँ-वहाँ फुदकती हुई। इस लेख में मकड़ियों की आकर्षक और अनोखी दुनिया की झलक पेश की गई है जिसका अवलोकन कर काफी कुछ सीखा जा सकता है। मकड़ियों को जन्तुओं के एक बड़े समूह आर्थोपोडा में वर्गीकृत किया गया है। इनकी प्रजातियों में बहुत विविधता दिखाई देती है और ये मकड़ियाँ विश्व के लगभग हर कोने में पाई जाती हैं। मकड़ियों की दिलचस्प दुनिया को विस्तार से समझते हैं इस लेख में।
अम्ल, क्षार और pH.... - उमा सुधीर
विज्ञान में पढ़ाई जाने वाली कई अवधारणाओं के समान उत्तरोत्तर विकास का विचार अम्ल और क्षार की अवधारणा पर भी लागू होता है। इसका मतलब है कि हम एक ही अवधारणा से बार-बार विभिन्न स्तरों पर मुलाकात करते हैं और अपनी समझ को तराशते जाते हैं। यह आलेख उन सभी अवधारणाओं को टटोलने की कोशिश करता है। इस लेख में समझते हैं कि कैसे आयनीकरण pH का निर्धारण करता है और कैसे किसी भी जलीय घोल की pH से तय होता है कि वह अम्ल की तरह बर्ताव करेगा या क्षार की तरह।
CUBE - पाठशाला के छात्रों से जुड़े प्रोजेक्ट…. - मीना खरतमाल
होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केन्द्र में CUBE (Collaboratively Understanding Biology Education), सहयोग से विज्ञान के प्रयोग करने की एक संस्कृति है। CUBE की विशेषता यह है कि यहाँ हर उम्र और किसी भी कक्षा के छात्र/छात्राओं को विज्ञान के प्रयोग सरल तरीके से विकसित करने और सीखने का अवसर प्राप्त होता है। यहाँ पाठशाला और कॉलेज के छात्र मिलकर खोजी परियोजनाओं पर विज्ञान के प्रयोग करते हैं। कोई भी छात्र केवल रुचि, जिज्ञासा और प्रेरणा के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हो सकता है। इस कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक पढ़ते हैं लेख में।
गणेश का सफर और कोविड - रोहित नेमा
कोविड के पहले दौर में अचानक लगे लॉकडाउन से लोगों पर भयावह असर पड़ा। विशष तौर पर अनगिनत प्रवासी मज़दूरों की ज़िन्दगियाँ बुरी तरह प्रभावित हुईं। गणेश कर्नाटक के यादगीर ज़िले से आया हुआ एक प्रवासी मज़दूर था। इस लेख में उसके सरकारी स्कूल में 8वीं में दाखिला से लेकर तीन साल तक का सफर बयान किया गया है। वो तरह-तरह के संघर्ष करते हुए दसवीं की बोर्ड परीक्षा की दहलीज़ पर पहुँच गया था परन्तु मार्च 2020 में लगे जनता कर्फ्यू के कारण आखिरी पर्चा रह गया। इस लेख में लेखक ने एक शिक्षक-छात्र-दोस्त के रिश्ते का द्वन्द्व और दर्द विस्तृत ईमेलों द्वारा प्रस्तुत किया है। कोविडकाल के इस गहन एवं भावुक प्रसंग को पढ़ते हैं इस लेख में।
होमो लूडेन्स: खिलन्दड़ मानव - रुत्खेर ब्रेख्मान
ह्यूमनकाइंड किताब दयालुता की दृष्टि पर विस्तारपूर्वक चर्चा करती है। इसी किताब से लिया गया अंश यह भी पता लगाता है कि मानवता के बारे में हमारा कठोर दृष्टिकोण समाज के लिए हानिकारक कैसे हो सकता है और हम इस नए यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ प्रणाली को कैसे सुधार सकते हैं, जिसे शिक्षा, प्रबन्धन और कानून जैसे कई क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है। बच्चों को ज़िम्मेदार और क्षमता से भरपूर देखना, वास्तव में उन्हें बढ़ने में कैसे मदद कर सकता है? यहाँ लेखक एक जेल और एक स्कूल के सूक्ष्म-जगत के उदाहरण के माध्यम से समाज को संरचित करने के वैकल्पिक तरीकों की जाँच करता है और इसके पीछे का तर्क यह है कि हम वास्तविक सकारात्मक परिवर्तन से एक कम निन्दक विश्वदृष्टि का विस्तार कर सकते हैं। इस दृष्टिकोण को विस्तारर्पूवक पढ़ते हैं इस लेख में।
खेल – रघुवीर सहाय
एक बच्चे की रोचक और भावपूर्ण कहानी जो अपनी कल्पना से तरह-तरह के खेल ईज़ाद करता है।
कालू राम शर्मा: श्रद्धांजलि – भरत पूरे व अंजु दास मानिकपुरी
भरत पूरे व अंजु दास मानिकपुरी द्वारा कालू राम शर्मा को याद करते हुए, उनकी कुछ दिलचस्प बातें साझा की गईं।
ट्यूबलाइट शुरू होने पर ‘हम्म' की आवाज़ क्यों आती है? – सवालीराम
कमरे में प्रवेश करके आप ट्यूबलाइट चालू करते हैं और एक भिनभिनाहट की आवाज़ सुनाई पड़ने लगती है। आपने ज़रूर सोचा होगा कि यह आवाज़ क्यों आती है। तो इस बार सवालीराम में हम इसी आवाज़ की प्रक्रिया को समझने की कोशिश करेंगे।