नासा और ईएसए स्पेस एजेंसियां लाल ग्रह मंगल पर लोगों की यात्रा के लिए अपनी तकनीकों का परीक्षण पृथ्वी के चार इन्तहाई पर्यावरणों में कर रही है। इन पर्यावरणों का चुनाव इस आधार पर किया गया था कि मंगल ग्रह पर संभवत: ऐसी जगहें मिल सकती है जहां अंतरिक्ष यात्रियों को रहना पड़े।
पहाड़ी मंगल
हवाई स्पेस एक्सप्लोरेशन एनालॉग एंड सिमुलेशन (HI-SEAS) ने 6 शोधकर्ताओं को मोना लोआ के एक सक्रिय ज्वालामुखी की ढलान के 2500 मीटर पर 111 वर्ग मीटर गुंबद में 366 दिन तक रुकने का काम सौंपा था। वे आसपास के पर्यावरण का पता लगाने के लिए बाहर केवल स्पेस सूट पहनकर ही जा सकते थे। इस पूरे एक साल में उन्हें किसी और से नहीं मिलना था और सभी तरह की बातचीत में 20 मिनट की देरी की जाती थी क्योंकि मंगल से पृथ्वी पर बातचीत के दौरान इतनी ही देरी होती है।
इस परिस्थिति में उन्हें कम पानी और एलईडी की रोशनी में फसल भी उगाने का प्रयोग करना था। उन्होंने इस जलकृषि द्वारा उगी मूली, गोभी और मसूर को खाया और दही और पनीर जैसे किण्वित खाद्य पदार्थ बनाए।
चालक दल सदस्यों ने मंगल पर छुट्टियों के लिए अपना कैलेण्डर भी तैयार किया है जो पृथ्वी के कैलेण्डर से अलग है।
सफेद मंगल
मंगल ग्रह पर अनुमानित तापमान -55 डिग्री सेल्सियस है। इस तरह के तापमान में लंबे समय तक रहना बड़ी चुनौती है। पिछले साल चालक दल के 13 सदस्य अंटार्कटिका के कॉन्कोर्डिया स्टेशन में रहे थे, यह देखने के लिए कि ठंड, अंधकार और तनहाई का क्या मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है।
सभी ने गतिविधि घड़ियां पहनी हुई थी जो यह बताती थी कि दूसरा व्यक्ति करीब आ रहा है। युरोपियन स्पेस एजेंसी के चालक दल के सदस्य बैथ हैली, जो एक डॉक्टर भी हैं, ने बताया कि इस समूह को उप-समूहों के आधार पर विभाजित किया गया था, जो पूरे 100 दिनों में अत्यधिक ध्रुवीय अंधकार में जागते थे। कृत्रिम प्रकाश में कुछ लोगों का सोने-जागने का चक्र काफी गड़बड़ रहा जबकि अन्य का वही पारंपरिक चक्र सुबह 9 से शाम 5 का होता था। और आप उन्हीं के दोस्त हो सकते हैं जो एक समय पर जगे रहें। साथ ही एक समय पर भोजन करना अलग-अलग समूहों में संवाद को बढ़ाता है।
हैली ने अपने साथियों द्वारा लिखी गई वीडियो डायरी को देखकर यह जांचने की भी कोशिश की कि पूरे मिशन के दौरान लोगों का बातचीत का तरीका कैसा था और वहां रहने के पहले और बाद की परिस्थिति को भी मस्तिष्क स्कैन के ज़रिए देखा। आश्चर्यजनक रूप से देखने को मिला कि इस दौरान मस्तिष्क में इन परिस्थितियों के लिए काफी लचीलापन था।
हैली ने बताया कि वहां धन का कोई महत्व नहीं था बल्कि पूरी यात्रा के दौरान वहीं उपलब्ध वस्तुओं से निर्मित तोहफे यादगार रहे थे।
मरुस्थलीय मंगल
अगली गतिविधि उटा के दूरदराज़ के इलाके में की गई जहां की मिट्टी लाल ग्रह जैसी है।
यहां बनाए घर बेलनाकार थे। इन घरों में से जब भी वे एयरलॉक के ज़रिए अपना सिर बाहर निकालते थे तब उन्हें नारंगी रंग का जंपसूट और बबल हैलमेट पहनना होता था।
वहां पर्याप्त बारिश होती है जिससे घास, फफूंद और मिट्टी के सूक्ष्मजीव पनप सकते थे। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य ऐसी वनस्पति का सर्वेक्षण करना था जो शायद मंगल पर पाई जाती हो।
गीला मंगल
मंगल पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से दो-बटा-पांच है। और मंगल पर सांस लेने के लिए हवा भी नहीं है। इसी के समान घुटन वाली तैरती जगह पृथ्वी पर सबसे उपयुक्त समुद्र के अंदर होगी। यह टीम फ्लोरिडा के की लारगो के एक छोटे आवास में रही थी जो 19 मीटर की गहराई में था। टीम के चालक दल ने यहां पर उपकरणों और समुद्र तल पर चलने का अभ्यास किया।
सभी अभ्यास इस उम्मीद में किए गए हैं कि हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि मंगल पर रहने की चुनौतियों का सामना कैसे करें। (स्रोत फीचर्स)