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Sandarbh - Issue 85 (March-April 2013)
- हवा के उस भाग की खोज जो जलने व श्वसन में सहायक है
- सूक्ष्म लोक: क्वांटम यांत्रिकी की दुनिया
- बन्दरों से मनुष्य का विकास
- बहुभाषिता: एक कक्षा स्रोत
- एक कहानी और एक गीत
- हिन्दी बालसाहित्य की मुश्किलें
- जीव बूढ़े क्यो होते हैं?-सवालीराम
- चाय बागानों के आसपास की दुनिया
- कक्कु के कारनामे (भाग 3)
- समुद्री स्लग की अनोखी मैथुन प्रक्रिया
Sandarbh - Issue 85 (March-April 2013)
- The Discovery Of The Part Of Air That Helps In Both Burning And Breathing by Sushil Joshi [Hindi PDF, 143 kB]
हवा के उस भाग की खोज जो जलने व श्वसन में सहायक है - ऑक्सीजन सीरीज के इस लेख में लेखक हमें उस समय में ले जाते हैं जब बॉयल और मेयोव अपने प्रयोगों से इस निष्कर्ष पर पहुँचे थे कि वायु की दहन में भूमिका है और इसका एक भाग दहन में सहायक होता है। बॉयल ने हवा के उस भाग को नाम दिया - स्पिरिटस नाइट्रो-एरियस। जितना रोचक है यह नाम उतना ही रोचक है यहाँ तक पहुँचने और इसके आगे का इतिहास।Read article... - The Microcosm: The World Of Quantum Mechanics by V. V. Raman Translated by Sushil Joshi [Hindi PDF, 255 kB][English PDF, 506 kB]
शूक्ष्म लोक- क्वांटम यांत्रिकी की दुनिया - दुनिया को कई रूपों में देखा और अनुभव किया जाता है। इसके एक सिरे पर अन्तराकाशीय दुनिया है जिसमें ग्रह, तारे और आकाशगंगाएँ हैं तो दूसरे सिरे पर शूक्ष्म दुनिया है जिसमें अणु और अन्य आण्विक सरचनाएँ हैं। इन दो छोरों के बीच है ऊर्जा और पदार्थ। इस दुनिया को समझना एक चुनौती है। लेखक आपको क्वांटम मैकेनिक्स की इस चुनौती भरी दुनिया की सैर पर ले चल रहे हैं।Read article... - Humans From Monkeys by Vinatha Viswanathan Translated by Satyendra Tripathi [Hindi PDF, 749 kB][English PDF, 222 kB]
बन्दरों से मनुष्य का विकास - एकलव्य द्वारा शिक्षकों के लिए आयोजित एनुअल साइंस ट्रेनिंग प्रोग्राम में एक शिक्षक ने पूछा कि “हम बच्चों को क्या जवाब दें जब वे हमसे पूछते हैं कि क्या एक बार फिर बन्दरों से मानव का विकास हो सकता है?” यह लेख इस सवाल के जवाब देनें का प्रयास है और वो भी आसान शब्दों में।Read article... - Multilingualism: A Classroom Resource by Rama Kant Agnihotri Translated by Nishi Tiwari
[Hindi PDF, 185 kB] [English PDF, 2.1 MB]
बहुभाषिता: एक कक्षा स्रोत - अक्सर ही कक्षा में अलग-अलग पृष्ठभूमि और भाषा वाले बच्चे होते हैं जबकि स्कूल की भाषा कोई एक। कक्षा में इस तय भाषा से इतर किसी भाषा के लिए जगह बहुत ही कम होती है। वहाँ की क्षेत्रीय भाषा और स्कूल की भाषा अलग होने पर बच्चों को समझने में बाधा उत्पन्न होती है। लेखक यहाँ बताएँगें कि कैसे बहुभाषिता को बाधा नहीं बल्कि एक संसाधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।Read article... - Ek Kahaani Aur Ek Geet – Part 1 by Teji Grover [Hindi PDF, 362 kB]
एक कहानी और एक गीत (भाग-एक) - कहते हैं, कहानियाँ जीवित होती हैं। अगर जानने वाले द्वारा कहानी ना कही जाएँ तो वो अपना अपमान समझती हैं और जानने वालों से बदला लेती हैं। कहानियों की विविध श्रेणियाँ हैं जैसे लोक कथाएँ, फैंटेसी, क्लासिक्स, पौराणिक कथाएँ आदि। यहाँ आप काहानियों और उसकी श्रेणियों का भी विश्लेषण देखेंगे।Read article... - Problems with Hindi Children's Literature by Sushil Shukla [Hindi PDF, 848 kB]
हिन्दी बाल साहित्य की मुश्किलें - एक बाल साहित्य पत्रिका के सम्पादक होने के नाते लेखक का रास्ता ही बाल साहित्य से होकर गुजरता है। समस्या यह भी है कि हम वयस्क और बड़े ही इस बहस में व्यस्त हैं कि बच्चे आखिर पढ़ना क्या चाहते हैं। क्या यह सही रास्ता है? यहाँ वे बाल साहित्य की मुश्किलों को बतलाते हुए उसका विश्लेषण भी करते हैं और रास्ता भी सुझाते हैं।Read article... - Why Do Living Organisms Age? Sawaliram [Hindi PDF, 164 kB]
सवालीराम - जीव बूढ़े क्यो होते हैं? क्या बुढ़ापे को रोका जा सकता है? सवाल की पड़ताल करता लेख। Read article... - Life In And Around Tea Gardens by Vivek Mehta [Hindi PDF, 420 kB]
चाय बागानों के आसपास की दुनिया - चाय आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। पर क्या कभी हम सोचते हैं उन लोगों के बारे में जो चाय उगाते हैं, चाय के बागानों में काम करते हैं। उनके जीवन के बारे में। लेखक का कई बार असम के चाय बागानों में जाना हुआ है। उन्होंने वहॉ के जीवन को देखा है और डायरी में सहेजा भी है। डायरी के कुछ पन्ने यहाँ साझा हो रहे हैं।Read article... - Kakku Ke Karname – Part 3 by P. K. Basant [Hindi PDF, 493 kB]
कक्कु के कारनामे (भाग - तीन)- लेखक ने अपने बचपन के दिनों की मस्ती और रोमांच को यहाँ याद किया है।Read article... - The Unique Reproductive Strategy Of A Marine Sea Slug by Ambrish Soni [Hindi PDF, 79 kB]
समुद्री स्लग की अनोखी मैथुन प्रक्रिया - प्रसान्त महासागर में जापान के पास मिले समुद्री स्लग ने अपने व्यवहार से सबको चौंका दिया है। ये स्लग एक बार मैथुन करने के बाद अपना लिंग त्याग देते हैं। यानी अपने शरीर से अलग कर देते हैं। आइए जानें ये सब कैसे हो पाता है।Read article...