क्या इस काम भी आ सकती है स्कूल की प्रयोगशाला?

पिछले अंक में हाईस्कूल की प्रयोगशाला में उपलब्ध उपकरणों और रसायनों का इस्तेमाल करते हुए पानी की जांच की दो विधियां देखी थीं पानी का पी.एच. और अम्लीयता पता करना। इस बार पानी के एक और गुणधर्म की जांच करते हैं।

पानी की क्षारीयता पता करना
पानी की क्षारीयता यानी उसमें घुले क्षारों की कुल मात्रा आमतौर पर पानी में कार्बोनेट और हाइड्रॉक्साइड जैसे पदार्थों और कुछ अकार्बनिक क्षारों की मौजूदगी, पानी को क्षारीय बना देती है। कभी-कभी बोरेट, सिलिकेट और फॉस्फेट भी घुले होते हैं।

इस विधि में भी पहले कार्बोनेट और हाइड्रॉक्साइड जैसे क्षारों का पता लगाया जाता है। उसके लिए फिनोफ्थलीन सूचक से उदासीनीकरण (टाइट्रेशन) करते हैं। इसे पानी की फिनोफ्थलीन क्षारीयता भी कहते हैं।

फिर मिथाईल ऑरेंज से टाइट्रेशन करके कमज़ोर क्षारों की मात्रा पता कर लेते हैं। इसे मिथाल ऑरेंज क्षारीयता कहते हैं। आमतौर पर यह कैल्शियम और मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट के कारण होती है। और इस तरीके में भी अगर इन दोनों क्षारीयताओं को मिला दें तो कुल (संयुक्त) क्षारीयता पता चल जाती है।

पानी की क्षारीयता पता करने का तरीका

सबसे पहले पानी का पी.एच. पता कर लें। अगर पी.एच. का मान 7 से अधिक हो तो ही उसकी क्षारीयता की जांच करेंगे। पी.एच. 7 से कम हो तो पानी अम्लीय होगा क्षारीय नहीं।

आवश्यक रसायन :

(क)  नमक का अम्ल (हाईड्रोक्लोरिड एसिड).02 N (अगर स्टॉक घोल 1 N हो तो उसे 50 गुना तनु करके 0.02 N बना लो।)
(ख)  फिनोफ्थलीन सूचक घोल
(ग)  मिथाइल ऑरेंज सूचक घोल

आवश्यक उपकरण : ब्यूरेट, पिपेट, ड्रॉपर, टाइट्रेशन फ्लास्क

विधि :

(1) ब्यूरेट को आसुत जल से साफ करके उसमें नमक के अम्ल का मानक घोल भरकर रीडिंग क' लिख लो।

(2) टाइट्रेशन फ्लास्क में पिपेट की सहायता से 20 मिली. नमूने का पानी ले लो। इसमें दो बूंदे फिनोफ्थलीन सूचक घोल डालकर हिला लो। यदि घोल गुलाबी हो जाए तो ब्यूरेट में भरे अम्ल के घोल से रंग समाप्त हो जाने तक टाइट्रेट करो। रीडिंग 'ख' लिख लो।

अगर फिर दो बंद फिनोफ्थलीन डालने पर घोल रंगहीन ही रहे तो अगला कदम चलो, अगर घोल फिर गुलाबी हो जाए तो यही कदम(2) फिर दोहराना होगा। जब तक कि फिनोफ्थलीन की दो बूंदें डालने पर भी घोल रंगहीन ही रहे।

(3) इसी फ्लास्क में दो बूंद मिथाइल ऑरेंज सूचक घोल डालो और अम्ल के घोल से तब तक टाइट्रेट करे जब तक फ्लास्क के घोल का रंग नारंगी-पीले से बदलकर गहरा गुलाबी न हो जाए। ब्यूरेट की रीडिंग 'ग' लिख लो।

परिणाम :

फिनोफ्थलीन क्षारीयता = 50 x (ख - क) मि. ग्रा. प्रति लीटर
संयुक्त क्षारीयता = 50 x (ग- क) मि. ग्रा. प्रति लीटर

 


(परासिया, छिंदवाड़ा क्षेत्र के विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ हुए एक प्रयोग पर आधारित।)