Sandarbh - Issue 138 (Jan-Feb 2022)
रूपान्तरण का अद्भुत महारथी एक ऑक्टोपस - किशोर पँवार [Hindi, PDF]
एक जानवर जो मूल रूप से रंग, संरचना और रूप के बीच स्थानान्तरित हो सकता है, असम्भव-सा लगता है। कॉमिक बुक लेखक की कल्पना की तरह यह सही आकार, पृष्ठभूमि में सम्मिश्रण करने या इच्छा पर एक अन्य जानवर का रूप लेने में सक्षम है। आश्चर्यजनक रूप से, ऐसे प्राणी का वास्तविक जीवित उदाहरण समुद्र की गहराई में रहता पाया गया है: थॉमऑक्टोपस मिमीकस। आइए, पढ़ते है इस नकलची ऑक्टोपस के बारे में।
हम और हमारे विज्ञान समझाने के मॉडल - विक्रम चौरे [Hindi, PDF]
विज्ञान के क्षेत्र में, वैज्ञानिक मॉडल नियमित रूप से न केवल सीखने के उपकरण के रूप में उपयोग किए जाते हैं, बल्कि अवधारणाओं के प्रतिनिधित्व और वैज्ञानिक सिद्धान्तों को समझाने में भी ये अक्सर उपयोग किए जाते हैं। वैज्ञानिक मॉडल के साथ छात्रों के अनुभव, उन्हें वैज्ञानिक अवधारणाओं के प्रति अपनी समझ विकसित करने में मदद करते हैं। परन्तु इनकी सीमाओं के प्रति सचेत होना भी अत्यन्त ज़रूरी है। इसी परिप्रेक्ष्य में, आइए पढ़ते हैं कि एकलव्य द्वारा प्रकाशित प्रकाश के मॉड्यूल में दिए गए एक प्रयोग की विस्तृत समीक्षा करते हुए, कैसे लेखक ने मॉडल के इस्तेमाल में सावधानी बरतने एवं उसकी सीमाओं को भी छात्रों एवं शिक्षकों के साथ साझा करने को रेखांकित किया है।
जमावट - कालू राम शर्मा [Hindi, PDF]
कालू राम शर्मा की किताब ‘खोजबीन का आनंद' होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं का लेखा-जोखा है जिसे कहानी या किस्सागोई शैली में लिखा गया है। आइए, पढ़ते हैं इस पुस्तक के चौथे अंश को इस लेख के साथ।
जन्तुओं में जनन: संवाद की सम्भावनाएँ - शुभ्रा मिश्रा [Hindi, PDF]
धरातलीय वास्तविकता में, अमूमन ‘जन्तुओं में जनन’ जैसे अहम विषय पाठ्यचर्या का हिस्सा होते हुए भी, कक्षा में संवाद का हिस्सा नहीं बन पाते। जहाँ एक ओर, शिक्षार्थियों के लिए, इन विषयों को पाठ्यपुस्तक से आगे बढ़कर सामाजिक परिवेशों से जोड़कर समझने की ज़रूरत है, वहीं कक्षा-कक्ष में शिक्षक इन्हें पढ़ाने से भी हिचकते हैं। ऐसे में, कक्षा में संवाद की क्या अहमियत उभरती है? शिक्षक किन कारणों से खुलकर इन विषयों का शिक्षण नहीं कर पाते? ऐसे सवालों और इनसे जुड़े सामाजिक मुद्दों पर रोशनी डालता है यह लेख।
उच्च प्राथमिक कक्षाओं में हिन्दी शिक्षण: कुछ अनुभव - कमलेश चन्द्र जोशी [Hindi, PDF]
उच्च प्राथमिक कक्षाओं में भाषा पर किस नज़रिए से व कैसे काम होना चाहिए, इस पर चर्चा कम होती है। चूँकि एक विषय की समझ दूसरे विषय से जुड़ी होती है तो हिन्दी पर भी एक सुविचारित दृष्टिकोण से काम करने की आवश्यकता है| उक्त लेख के माध्यम से पढ़ते हैं कि हिन्दी शिक्षण को सार्थक बनाने के लिए किस तरह के प्रयासों को किया गया जिनसे बच्चों में साहित्य व पढ़ने के प्रति रुचि विकसित की जा सकती है|
कला शिक्षा की बुनियाद - देवी प्रसाद [Hindi, PDF]
बच्चे देखकर, सुनकर, खोजबीन कर, प्रयोग कर और प्रश्न पूछकर सीखते हैं। बच्चों के लिए जिज्ञासु बनकर सीखने में लगे रहना महत्वपूर्ण है। यह भी मददगार होता है, जब वे समझते हैं कि वे क्यों कुछ सीख रहे हैं। ऐसे में, कला-शिक्षा बच्चों को नए तरीकों से खुद को व्यक्त करने, सीखने और आत्मविश्वास व दृढ़ता हासिल करने में मदद करती है। इनसे बच्चों को तनावपूर्ण स्थितियों के प्रति तर्कपूर्ण, सकारात्मक व भावनात्मक प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है। आइए, पढ़ते हैं उक्त लेख में कि कैसे बच्चे अनुभवों के द्वारा सीखते हैं, और अपनी इच्छाओं, भावनाओं और विचारों को शब्दों के बदले आकार, चित्रकला, नाटक, संगीत और नृत्य की भाषा से व्यक्त करना, किस तरह लाभदायक साबित हो सकता है।
लौट के बुद्धू घर को आए: भाग 2 – सतीश बलराम अग्निहोत्री [Hindi, PDF]
मिन्नी अपने छोटे भाई से कितनी और कैसे बड़ी हो पाई, पढ़ते हैं अत्यन्त ही रोचक और वैज्ञानिक कल्पनाओं से पूर्ण इस कहानी के दूसरे भाग को।
विद्यार्थी एक टेबल को 10 बार नापें तो उनकी नाप बराबर क्यों नहीं आती है? - सवालीराम [Hindi, PDF]
नपाई एक वास्तविक क्रिया है जिसे व्यक्ति करते हैं और हर व्यक्ति के तौर-तरीकों में विविधता आती है। घट-बढ़ के इस खेल को समझते हैं, इस बार के सवालीराम के साथ।