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गर्मी से बचने के कुछ जंगली नुस्खे − रोहन चक्रवर्ती
चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए जानवर क्या-क्या तरीके अपनाते होंगे... जानिए रोहन चक्रवर्ती के मज़ेदार अन्दाज़ में।
सूना हुआ स्कूल − प्राची, दिगन्तर स्कूल, राजस्थान
चित्र: अमृता
कोरोनाकाल में जब समूची स्कूली गतिविधियाँ सिर्फ ऑनलाइन साधनों तक सिमटकर रह गई हैं, ऐसे में स्कूल में पसरे सूनेपन पर प्राची ने यह कविता लिखी है।
भूलभुलैया
स्कूल पहुँचने के सही रास्ते को ढूँढ़ने की जद्दोजहद। करके देखो…
खुद से बातें... सामान्य बात − स्रोत फीचर
कई लोग खुद से बातें करते हैं। बच्चे तो अक्सर ऐसा करते हैं। पर क्या ऐसा करना सामान्य बात है या फिर यह किसी तरह की मानसिक दिक्कत का नतीजा है। जानने के लिए पढ़िए…
गुण्डी में मुण्डी − नेहा पटेल
चित्र: उबिता लीला उन्नी
एक गुण्डी बाढ़ के पानी में बहती हुई आ रही थी। लेकिन वह अकेली नहीं थी। आखिर क्या था उसमें?जानने के लिए पढ़िए बाढ़ की कठिन परिस्थितियों के बीच का यह दिलचस्प किस्सा। इसे शहीद स्कूल द्वारा प्रकाशित किताब बस्ती में बाढ़ से लिया गया है।
क्यों-क्यों
क्यों-क्यों में इस बार का सवाल था: “सोचो कि तुम ज़िन्दगी में कुछ भी बन सकते हो! किसी भी तरह की कोई बाधा नहीं है। तो तुम क्या बनना चाहोगे, और क्यों?” कई बच्चों ने अपने दिलचस्प जवाब हमें भेजें। इनमें से कुछ आपको यहाँ पढ़ने को मिलेंगे, और साथ ही बच्चों के बनाए कुछ दिलकश चित्र भी देखने को मिलेंगे।
तुम भी जानो
इस बार जानिए:
- ऊँट ले आता है किताबें
- ड्रेकुला के महल में लगती है वैक्सीन
माथापच्ची
कुछ मज़ेदार सवालों और पहेलियों से भरे दिमागी कसरत के पन्ने।
तेज़ हवाओं की कहानी − सुशील शुक्ल
चित्र: कनक शशि
यह कहानी है तेज़ हवाओं की, उनके गाँव की। और आम की, पेड़ की, पत्तियों की, नींद की और सपनों की भी …
जुगलबन्दी − चन्दन यादव
चित्र: कनक शशि
घोड़े और सियार की जुगलबन्दी की एक छुटकी कहानी।
एक फूल झाड़ने वाले की गाथा − सी एन सुब्रह्मण्यम्
चित्र: कनक शशि
यह लेख आज से ढाई हज़ार साल पहले के एक फूल झाड़ने वाले की गाथा बयां करता है। साथ ही कुछ ज़रूरी सवाल भी हमारे सामने रखता है। मसलन, अलसुबह हमारे घरों के सामने की सड़कों को झाड़ने वाले व इसी तरह के अन्य काम करने वाले लोगों पर क्या बीतती है, क्या इतने सालों में इनकी स्थिति में कोई खास फर्क आया है...
ड्रैगनफ्लाई और डेम्सेलफ्लाई − नेचर कॉन्ज़र्वेशन फाउंडेशन
हमारे आसपास ऐसा बहुत कुछ है जिसे हम देखते तो हैं, लेकिन अमूमन उस पर गौर नहीं करते। इन पन्नों में प्रकृति में पाई जाने वाली ऐसी ही तमाम चीज़ों के बारे में दिलचस्प जानकारियों के साथ कुछ छोटी-छोटी मज़ेदार गतिविधियाँ भी होती हैं।
इस बार इन पन्नों में आप ड्रैगनफ्लाई और डेम्सेलफ्लाई के बारे में जानेंगे।
तालाबन्दी में बचपन − लॉकडाउन डायरी - 2020 − प्रार्थना
चित्र: उबिता लीला उन्नी
इस कॉलम में हर माह दिल्ली की अंकुर संस्था से जुड़े किसी बच्चे का संस्मरण होता है। इस संस्मरण में नौवीं कक्षा की छात्रा प्रार्थना ने कोरोनाकाल में लॉकडाउन से लेकर ऑनलाइन पढ़ाई तक के अपने अलग-अलग अनुभवों को साझा किया है।
अन्तर ढूँढ़ो
एक जैसे दिखने वाले दो चित्रों में अन्तर ढूँढ़ने की रोचक गतिविधि...
चॉकलेट के स्वाद की अन्दर की बात
दुनिया भर में कई लोग चॉकलेट के दीवाने हैं। लेकिन चॉकलेट बनती कैसे है? इसे अपना चॉकलेटी स्वाद कैसे मिलता है और अलग-अलग तरह के चॉकलेटी स्वाद कैसे मिलते हैं... इस लेख में जानिए।
बड़ों का बचपन − अलिफ, बे, पे… − अरविन्द गुप्ता
चित्र: शुभम लखेरा
'बड़ों का बचपन' नामक इस कॉलम में हर बार अलग-अलग लोग अपने बचपन का कोई दिलचस्प या यादगार किस्सा साझा करते हैं। इस दिलचस्प किस्से में अरविन्द गुप्ता बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने फिल्मी गीतों की मदद से उर्दू भाषा पढ़ना सीखा।
मेरा पन्ना
वाकया - तोहफा, नज़ारा, मामा की मोमो पार्टी, चूहे का कमाल,
कहानी - भूत, शैतान बकरी
संस्मरण - तबला टेबल
कहानी लिखो − जवाब
पिछले अंक में हमने एक चित्र दिया था। बच्चों को उस चित्र के आधार पर अपनी कहानी लिखनी थी। हमें कई कहानियाँ मिलीं। उनमें से कुछ दिलचस्प कहानियाँ यहाँ पेश हैं:
हाथी और चिड़िया की बातें
सुन्दर दिन
हाथी का बच्चा
हमने देखा
चित्रपहेली
चित्रों में दिए इशारों को समझकर पहेली को बूझना।
आग लगी है पानी में − प्रभात
चित्र: नीलेश गहलोत
गर्मियों में कई जगहों पर पानी की किल्लत होती है। जिन गाँवों में बारिश कम होती हो और गर्मी ज़्यादा, वहाँ तो ये दिक्कत और भी ज़्यादा होती है। प्रभात की यह कविता भी इसी ओर इशारा करती है। नीलेश के चित्र ने इस कविता की आवाज़ और बुलन्द की है।